
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के ‘चीन हमारा दुश्मन नहीं’ वाले बयान से कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सैम पित्रोदा के बयान को उनकी अपनी राय बताया है। उन्होंने कहा कि चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि चीन ना तो हमारी सीमा में घुसा है और ना ही हमारी पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
जयराम रमेश ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं। चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं। जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गई क्लीन चिट भी शामिल है। चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी 2025 को जारी किया गया था। यह भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को इस स्थिति पर चर्चा करने और इन चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।”
इससे पहले भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सैम पित्रोदा के बयान को गलवान के शहीदों का अपमान बताया। उन्होंने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। लेकिन, कुछ शक्तियां इसे प्रभावित करने में लगी हुई हैं। सैम पित्रोदा ने चीन को लेकर आज जिस प्रकार का बयान दिया है, उससे यह बात बहुत साफ हो गई है कि कांग्रेस के चीन के साथ हुए करार का इजहार उन्होंने दिनदहाड़े कर दिया है।
बता दें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा था कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है।
सैम पित्रोदा ने कहा, “मुझे नहीं पता कि चीन से क्या खतरा है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका को हमेशा दुश्मन की पहचान करनी होती है।”