
बीएनटी न्यूज़
बेलगावी। कर्नाटक के बेलगावी में कथित तौर पर धार्मिक ग्रंथ के जलाए जाने की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई को दमनकारी बताते हुए हिंदू संगठनों ने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया। उनका आरोप है कि पुलिस इस मामले में निर्दोष लोगों को पकड़कर उन्हें परेशान कर रही है। ऐसे लोगों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जिनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले भाजपा नेता और पूर्व विधायक संजय पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम धार्मिक ग्रंथ के जलाए जाने की घटना की निंदा करते हैं और पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं कि इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निकट भविष्य में इस तरह की घटना नहीं हो, लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से इस घटना की आड़ में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
भाजपा नेता ने कहा कि कुछ लोग तो यहां तक भी कह रहे हैं कि इस तरह की कोई घटना नहीं घटी है, लेकिन अगर इस तरह की घटना घटी भी है, तो पुलिस-प्रशासन को निश्चित तौर पर कार्रवाई करनी चाहिए। हम चाहते हैं कि इस मामले की तफ्तीश हो। जिसने गलती की है, उसे सजा मिले। लेकिन, जिस तरह से इस घटना की आड़ में सभी हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उसकी हम निंदा करते हैं। पुलिस निर्दोष लोगों को पकड़कर उनके साथ जानवरों जैसा सलूक कर रही है, उन्हें पीट रही है। उन्हें बेवजह परेशान कर रही है।
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने दमनकारी तरीके से काम करना नहीं छोड़ा, निर्दोष लोगों को परेशान करना नहीं छोड़ा, तो हम आने वाले दिनों में इससे भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया, “हम न ही हिंदुओं के साथ हैं और न ही मुसलमानों के साथ। आज हम उन लोगों के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं, जो हिंदू-मुसलमान के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं। हम ऐसे सभी लोगों के खिलाफ हैं, जो हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत की खाई चौड़ी करके राजनीतिक फायदा प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने मांग की कि प्रशासन मौजूदा स्थिति को देखते हुए हिंदू-मुस्लिमों को प्यार से रहने का संदेश दे और इस मामले को जल्दी से निपटाए।
उन्होंने दावा किया कि यह एक तरह की साजिश है, जिसे हिंदुओं को परेशान करने के लिए रचा गया है। मैंने इस तरह की कानून-व्यवस्था कभी नहीं देखी।