
15 मंत्रालयों ने मिलकर तैयार किया नेशनल टॉय एक्शन प्लान
नई दिल्ली, 28 फरवरी (बीएनटी न्यूज़)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया है कि अब देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है। नेशनल टॉय एक्शन भी तैयार किया गया है। इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है, ताकि देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बने और भारत के खिलौने दुनिया में भी जाएं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वर्चुअल टॉय फेयर का उद्घाटन करते हुए कहा, “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है। ये ऐसी शिक्षा व्यवस्था है, जिसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक और रचनात्मक सोच बढ़े, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है। भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है, विज्ञान भी होता है, मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान भी होता है। ये पहला टॉय फेयर केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। ये कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है।
उन्होंने कहा कि आज टॉय फेयर के इस अवसर पर हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस ऊर्जा को आधुनिक अवतार दें, इन संभावनाओं को साकार करें। अगर आज मेड इन इंडिया की डिमांड है तो आज हैंड मेड इन इंडिया की डिमांड भी उतनी ही बढ़ रही है। इस पूरे अभियान में राज्यों को बराबर का भागीदार बनाकर टॉय क्लस्टर विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही देश टॉय टूरिज्म की संभावनाओं को भी मजबूत कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खिलौनों का जो वैज्ञानिक पक्ष है, बच्चों के विकास में खिलौनों की जो भूमिका है, उसे अभिभावकों को समझना चाहिए और अध्यापकों को स्कूलों में भी उसे प्रयोग करना चाहिए। इस दिशा में देश भी प्रभावी कदम उठा रहा है, व्यवस्था में जरूरी कदम उठा रहा है। हमारे यहां खिलौने ऐसे बनाए जाते थे जो बच्चों के चहुंमुखी विकास में योगदान दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भी भारतीय खिलौने आधुनिक फैंसी खिलौनों की तुलना में कहीं सरल और सस्ते होते हैं, सामाजिक-भौगोलिक परिवेश से जुड़े भी होते हैं।