
गोवा में एक और विपक्षी विधायक ने स्टडी टूर में शामिल होने से किया इनकार
गोवा में विपक्ष के एक और विधायक, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने सुशासन सीखने के लिए सरकारी खजाने की कीमत पर गुजरात के एक अध्ययन दौरे का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। इससे पहले, गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने ‘स्मार्ट सिटी’ प्रथाओं के बारे में जानने के लिए मध्यप्रदेश के दौरे का हिस्सा बनने के सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने इसे ‘बेकार खर्च’ करार दिया था।
अलेमाओ ने कहा था, “मैं गोवा के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हूं और भविष्य में भी इस तरह के किसी समारोह का हिस्सा नहीं बनूंगा। मैं अपने सभी सहयोगियों से अपील करता हूं कि वे जनता के पैसे से आयोजित इस तरह के फैंसी कबाड़ का हिस्सा न बनें।”
गोवा विधानमंडल विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि गुजरात सरकार द्वारा अपनाई गई सुशासन की सर्वोत्तम प्रथाओं को जानने के लिए एक दौरे का आयोजन किया गया है, जिसमें सरदेसाई को कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे और सात अन्य विधायकों के साथ आमंत्रित किया गया है।
सर्कुलर पर प्रतिक्रिया देते हुए सरदेसाई ने शनिवार को सरकार से सूची से उनका नाम हटाने को कहा।
सरदेसाई ने कहा, “सुशासन में सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने के लिए इस कबाड़ से ज्यादा हास्यास्पद कुछ भी नहीं है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनका मंत्रिमंडल सरकारी खजाने से खर्च पर राज्य में केवल ‘शाहजहां’ की प्रथाओं का पालन करने पर आमादा हैं।”
जुलाई 2022 में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गोविंद गौड़े ने कला अकादमी के जीर्णोद्धार कार्य के लिए बिना टेंडर जारी किए एक ठेकेदार को नामित करने के राज्य सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा था, “ताजमहल के निर्माण से पहले शाहजहां ने भी कोटेशन आमंत्रित नहीं किया था।”
गौड़े ने कहा था, “ताजमहल 1632 और 1653 के बीच बनाया गया था। क्या आप जानते हैं कि यह अभी भी इतना सुंदर और चिरस्थायी क्यों है? क्योंकि शाहजहां ने इसे बनाने के लिए कभी कोटेशन नहीं मंगवाया। यही कारण है कि ताजमहल 400 साल बाद भी बरकरार है।”
सरदेसाई ने विधानसभा में कला अकादमी का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया था कि लगभग 49 करोड़ रुपये के जीर्णोद्धार कार्य के लिए कोई निविदा नहीं मंगाई गई, जो कि सीपीडब्ल्यूडी नियमावली के खिलाफ है। उन्होंने कला अकादमी की बहाली की जांच की मांग की थी, जिसे प्रसिद्ध वास्तुकार चार्ल्स कोरिया ने डिजाइन किया था।
सरदेसाई ने तब से कई मौकों पर व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि गोवा सरकार ‘शाहजहां’ की प्रथाओं का उपयोग कर रही है, जिसका अर्थ है बिना टेंडर के काम आवंटित करना।