
डीयू: स्थायी समिति की बैठक में नई शिक्षा नीति की संरचना पारित
नई दिल्ली, 24 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| सोमवार शाम दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक मामलों पर स्थायी समिति की बैठक हुई। इस बैठक में नई शिक्षा नीति संरचना को पारित किया गया। वहीं असहमति और विरोध के कारण ‘स्वयं’ और ‘एमओओसीएस’ का एजेंडा टाल दिया गया। अकादमिक मामलों की स्थायी समिति ने विरोध और असहमति के बावजूद 2022-23 से चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) संरचना के कार्यान्वयन पर एजेंडा पारित कर दिया है।
डूटा के मुताबिक मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को एकेडमिक काउंसिल के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध का सामना करना पड़ेगा। डूटा ने मामले को लेकर वीसी ऑफिस के बाहर हड़ताल और विरोध का आह्वान किया है।
डूटा की कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने कहा कि एफवाईयूपी 2013 के अनुभव से पता चलता है कि छात्रों ने चौथे वर्ष के लिए अतिरिक्त खर्च के विचार को खारिज कर दिया। छात्रों के बीच सर्वेक्षण (2013 में किया गया) ने दिखाया कि छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली में रहने में प्रति वर्ष लगभग 1.5 – 2 लाख खर्च कर रहे थे। एफवाईयूपी के पहले दो वर्षों के कमजोर पड़ने के कारण छात्रों ने एफवाईयूपी के विचार को अस्वीकार कर दिया।
उन्होने कहा कि साथ ही अतिरिक्त वर्ष के लिए अनुदान का कोई वादा नहीं है। इंफ्रास्ट्रक्च र पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अधिकांश कॉलेजों में और विस्तार के लिए जगह भी नहीं है। विश्वविद्यालय की स्थायी समिति को विरोध के कारण स्वयं के कार्यान्वयन के एजेंडे को भी स्थगित करना पड़ा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार 24 अगस्त को एकेडेमिक काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है। बैठक में दिल्ली विश्वविद्यालय के दो नए कॉलेज खोले जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति व काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर पीसी जोशी से सावित्रीबाई फुले के नाम से कॉलेज खोलने की मांग की गई है।