
आबकारी नीति मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मई तक स्थगित की
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मई तक के लिए स्थगित कर दी। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ से कहा कि ब्याज दर में 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत का परिवर्तन रिश्वत प्राप्त करने के लिए किया गया था। सिसोदिया ने पॉलिसी इस तरह बनाई कि गारंटीड रिटर्न रिश्वत के रूप में आया।
एएसजी ने आगे कहा कि सिसोदिया ने प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा दी गई कानूनी विशेषज्ञों की राय को भी छुपाया। इसका जिक्र उन्होंने कहीं नहीं किया था। इसे पूरी तरह नजरंदाज कर दिया गया।
एएसजी ने यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया के कहने पर राहुल सिंह नाम के शख्स ने एक ड्राफ्ट नोट तैयार किया था, जिसे उनके व्हाट्सएप चैट से साबित किया जा सकता है।
ऑरिजनल गायब है। ड्राफ्ट का केवल एक हिस्सा फोन से प्राप्त किया गया है। न्यायाधीश ने तर्क पर संज्ञान लेते हुए मामले को 10 मई तक के लिए स्थगित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिसोदिया ने विशेष रूप से अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत के लिए बुधवार को हाईकोर्ट का रुख किया था।
इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने इसी मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था। पिछले हफ्ते राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी थी।
कोर्ट ने सीबीआई को सिसोदिया को सप्लीमेंट्री चार्जशीट की ई-कॉपी मुहैया कराने का भी निर्देश दिया था।