
आतंकवाद के मसले पर भारत को निभानी होगी वैश्विक जिम्मेदारी – इंद्रेश कुमार
नई दिल्ली , 12 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य सरंक्षक इंद्रेश कुमार ने चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि आतंकवाद के मसले पर भी भारत को आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा है कि तालिबान को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अलावा जैश और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की सरपरस्ती मिलती रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आतंकवाद के मोर्चे पर मोदी सरकार की कामयाबी का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 से पहले देश में आए दिन बम विस्पोट हुआ करता था, लेकिन जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है तब से जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के राज्यों की कुछ घटनाओं को छोड़ कर पूरे देश में इस तरह की घटनाएं बंद हो गई है।
केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने भी मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि अब दुनिभा भर में भारत की तारीफ की जा रही है।
आतंकवाद को लेकर नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि आतंकवाद के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि इसकी जड़े बहुत गहरी होती हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के उभार के लिए उसके पड़ोसी देशों को जिम्मेदार बताते हुए उन्होने कहा कि बंदूक के बल पर सत्ता प्राप्त करने के बाद ऐसे लोग आतंकवाद फैलाने के लिए डर का व्यापार करते हैं। उन्होने आतंकवाद की समाप्ति के लिए सर्वधर्म समभाव पर जोर देते हुए लोगों को सही तालीम और मानवता का सही पाठ पढ़ाने की बात भी कही।
शनिवार को नई दिल्ली में आतंकवाद पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा पाकिस्तान आईएसआई , जैश, लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों के जरिए आतंकवाद फैलाता रहता है और अब ऐसे तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देने का वक्त आ गया है। उन्होने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम की परंपरा के तहत सबका सम्मान करता आया है लेकिन इसके बावजूद अगर कुछ लोगों का दम भारत में घुटता है तो उन्हे देश छोड़ कर कहीं और चले जाना चाहिए।
सम्मेलन में बोलते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कुरान की आयतों को पढ़ कर समझाया कि अल्लाह या कुरान ये कहीं नहीं फरमाता है कि मुसलमान को बंदूक या किसी हथियार का सहारा लेना है। उन्होने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग न तो कुरान पढ़ते हैं और न कुरान की तालीम को समझते हैं।
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद भारत की बढ़ रही सुरक्षा चिंताओं और वैश्विक आतंकवाद के मुद्दें को लेकर विश्वग्राम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा शनिवार को संयुक्त रूप से नई दिल्ली में वैश्विक आतंकवाद के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करने के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। देश में आतंकवाद के मसले पर पहली बार इस तरह के सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें केंद्र सरकार के कई मंत्री, राज्यपाल , रक्षा विशेषज्ञ , कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर , बुद्धिजीवी और मुस्लिम धर्मगुरूओं समेत अन्य धर्मों के लोग भी शामिल हुए।