
एनसीबी ने अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 8 आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली, 27 जून (बीएनटी न्यूज़)| नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को कहा कि उसने डार्कनेट पर चल रहे एक मादक पदार्थ तस्करी सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। एनसीबी ने इस संबंध में कारोबार में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि सिंडिकेट मल्टी क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था।
एनसीबी के उप निदेशक के.पी एस. मल्होत्रा ने कहा कि ड्रग्स कानून प्रवर्तन एजेंसी ने विशेष रूप से डार्कनेट और इंटरनेट फार्मेसी रूट का उपयोग करने वाले साइकोट्रोपिक ड्रग्स तस्करी के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 22 लाख साइकोट्रोपिक ड्रग्स, 70,000 कोडीन बेस्ड कफ सिरप (सीबीसीएस) और 245 किलोग्राम साइकोट्रोपिक ड्रग्स और आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने कहा कि सिंडिकेट नौ वेबसाइटों का संचालन कर रहा था, जो भारत के बाहर भौगोलिक क्षेत्र में पंजीकृत हैं।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तलाशी ली।
सिंडिकेट के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए, मल्होत्रा ने कहा, इस मॉड्यूल में डार्कनेट मार्केट होस्ट, बनाई गई वेबसाइटों, इंटरनेट फार्मेसी के माध्यम से ऑर्डर प्राप्त करने का एक तरीका है और इसे समर्पित शिपर्स के माध्यम से वितरित किया जाता था, ताकि रिसीवर और ऑर्डर वाले व्यक्ति के बीच गुमनामी बनी रहे।
एनसीबी के अधिकारी ने कहा कि अब तक की जांच विशिष्ट इनपुट पर आधारित थी कि एक तस्करी नेटवर्क भारत से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में साइकोट्रोपिक ड्रग्स के निर्यात में शामिल है। इसमें से कुछ खेप जब्त की गई है।
उन्होंने कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि शिपर मुख्य रूप से दिल्ली एनसीआर में हैं और फर्जी पहचान का उपयोग कर रहे हैं। बैकट्रैक जांच के आधार पर, आगरा निवासी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
मल्होत्रा ने कहा कि पूछताछ के दौरान अग्रवाल ने खुलासा किया कि वह आगरा के एक सप्लायर से ड्रग्स की आपूर्ति करता है।
उन्होंने कहा कि सिंडिकेट भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में फैला हुआ है और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फिलीपींस तक इसका जाल बिछा हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि खेप का गंतव्य मुख्य रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और अन्य देशों के लिए था।
भुगतान पद्धति पर प्रकाश डालते हुए, अधिकारी ने कहा कि उपयोग की जाने वाली मुद्रा की बात करें तो क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन का लेनदेन इनके इस गोरखधंधे में प्रमुख हिस्सा था।
उन्होंने आगे कहा कि भारत से बाहर के बैंक खातों की जांच की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि कुल 37 बरामदगी हुई है, जिसमें 22 लाख साइकोट्रोपिक टैबलेट जैसे ट्रामाडोल और 245 किलोग्राम साइकोट्रोपिक ड्रग्स जब्त की गई हैं।
इस नेटवर्क में शामिल हरिद्वार स्थित एक दवा निर्माण कंपनी का भंडाफोड़ हो चुका है।
अधिकारी ने आगे कहा कि प्रतिबंधित पदार्थों को छिपाने और लेकर जाने लिए हर्बल सप्लीमेंट पैकेज का इस्तेमाल किया जाता था।
उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल फोरेंसिक ने इस मॉड्यूल द्वारा पहले ही भेजे गए 1 लाख रुपये के ऑर्डर को भी उजागर किया है।