एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में 2 मामलों के सिलसिले में 15 स्थानों की तलाशी ली, 1 आतंकी गिरफ्तार
नई दिल्ली/श्रीनगर, 1 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को दो मामलों के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में 15 स्थानों पर तलाशी ली। एजेंसी ने इरफान अहमद डार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) के आतंकवादियों के लिए सैन्य सहायता प्रदान की थी और हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था भी की थी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने इस साल मार्च में दर्ज किए गए एलईएम मामले के संबंध में जम्मू-कश्मीर में नौ स्थानों पर तलाशी ली। इसके अलावा एनआईए ने इस साल 27 जून को जम्मू में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के पास से पांच किलो आईईडी बरामद करने के सिलसिले में छह जगहों पर छापेमारी की।
अधिकारी ने कहा कि एलईएम मामले में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ शोपियां, अनंतनाग और जम्मू जिलों में नौ स्थानों पर तलाशी ली।
अधिकारी ने आगे कहा कि एनआईए ने गिरफ्तार आरोपियों और मामले में संदिग्धों के परिसरों से कई बुकलेस्ट्स के साथ-साथ मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और लैपटॉप सहित कई डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं।
अधिकारी ने कहा, तलाशी के बाद अनंतनाग के रहने वाले डार को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डार अन्य गिरफ्तार आरोपियों की मिलीभगत से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल था।
एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, डार ने नवगठित एलईएम के सदस्यों को रसद सहायता प्रदान की। उन्होंने हथियार और गोला-बारूद हासिल करने और फिर उन्हें एलईएम आतंकवादियों को उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनआईए ने एलईएम और उसके प्रमुख हिदायत-उल्लाह मलिक द्वारा रची गई साजिश के संबंध में एक मामला दर्ज किया था, जिसने पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के इशारे पर काम करते हुए इस साल मार्च में जम्मू में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के कार्यालय की रेकी की थी।
पिछले हफ्ते, एनआईए ने दो एलईएम आतंकवादियों – मोहम्मद अरमान अली उर्फ अरमान मंसूरी और मोहम्मद एहसानुल्ला उर्फ गुड्डू अंसारी को गिरफ्तार किया था, जो कि दोनों बिहार के सारण जिले के निवासी हैं। दोनों बिहार से मोहाली और अंबाला में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की दो अलग-अलग खेपों के परिवहन में शामिल थे।
अधिकारी ने कहा, उक्त हथियारों को आगे जम्मू-कश्मीर में एलईएम के स्व-घोषित कमांडर-इन-चीफ हिदायत उल्लाह मलिक के पास ले जाया गया।
यह मामला मूल रूप से इस साल 6 फरवरी को जम्मू में संप्रभुता, अखंडता को खतरे में डालने के इरादे से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद की एक शाखा, एलईएम के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश के सिलसिले में दर्ज किया गया था। एनआईए ने दो मार्च को जांच अपने हाथ में ली थी।