
उपहार अग्निकांड: सुशील अंसल के पासपोर्ट नवीनीकरण को लेकर ‘भ्रामक जानकारी’ देने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस
नई दिल्ली, 22 फ़रवरी (बीएनटी न्यूज़)| दिल्ली की एक अदालत ने उपहार त्रासदी पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की याचिका पर सोमवार को दिल्ली पुलिस को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अदालत ने अपने समक्ष ‘भ्रामक बयान’ देने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। पुलिस का यह बयान पासपोर्ट नवीनीकरण के दौरान कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपहार त्रासदी साक्ष्य छेड़छाड़ मामले में सात साल की सजा काट रहे सुशील अंसल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से जुड़ा है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा एवीयूटी की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि 14 फरवरी, 2022 को उनके द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब से परस्पर विरोधी विवरण पाए गए हैं।
वहीं एवीयूटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि अदालत में दायर आरोपपत्र (चार्जशीट) केवल भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 177 (झूठी सूचना देना), धारा 181 और पासपोर्ट कानून की धारा 12 (राष्ट्रीयता के बारे में जानकारी छिपाकर पासपोर्ट प्राप्त करना) के बारे में था।
इस अंतर की ओर इशारा करते हुए पाहवा ने कहा, लेकिन 22 मई, 2020 को उपराज्यपाल के कार्यालय में दायर आरोपत्र का मसौदा धारा 420 (धोखाधड़ी), 177, 181, 192 (झूठे सबूत देना), 197 (झूठा प्रमाण पत्र जारी करना) और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत था। वकील ने अदालत में कहा कि यह जानकर हैरानी होती है कि जब आरोपपत्र वास्तविक रूप से अदालत में दायर किया गया था, तो इस तरह की महत्वपूर्ण धाराओं को कैसे हटा दिया गया।
इसके बाद अदालत ने जांच अधिकारी को जवाब मांगते हुए नोटिस जारी किया और आगे की सुनवाई 4 मार्च के लिए निर्धारित की।
इसी पीठ ने 8 नवंबर, 2021 को रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल को सबूतों से छेड़छाड़ मामले में 2.25 करोड़ रुपये के जुर्माने के अलावा सात साल कैद की सजा सुनाई थी।
13 जून, 1997 को हिंदी बॉलीवुड फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग बीच दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित अंसल के स्वामित्व वाले उपहार सिनेमा में आग लग गई थी। इसे देश की सबसे भीषण त्रासदियों में से एक माना जाता है, जिसमें 59 लोग मारे गए थे।