BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 21 अप्रैल 2025 04:15 AM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. आईपीएल 2025 : रोहित व सूर्या की शानदार बल्लेबाजी, मुंबई ने सीएसके को नौ विकेट से हराया
  2. आईपीएल 2025 : आरसीबी से हार के बाद पोंटिंग ने कहा, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की
  3. एनडीए से अलग होने पर पशुपति कुमार पारस बोले, ‘लोकसभा चुनाव में हमारे सांसदों का टिकट कटा, तो बहुत बुरा लगा था’
  4. भाजपा की पूरी सरकार ही प्रोपेगेंडा पर चल रही : अखिलेश यादव
  5. बिहार को ‘डबल इंजन’ नहीं, एक ही ‘पावरफुल इंजन’ की जरूरत : मल्लिकार्जुन खड़गे
  6. अदालत पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं, यह नहीं होना चाहिए : तेजस्वी यादव
  7. रामबन में बादल फटने से तबाही : सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख, राहत और बचाव कार्य तेज करने के दिए निर्देश
  8. खड़गे के बिहार दौरे को आरजेडी प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी ने बताया ‘चुनावी रणनीति’
  9. दिल्ली सरकार का लक्ष्य टैंकर माफिया को खत्म कर हर घर तक पानी पहुंचाना है: सीएम रेखा गुप्ता
  10. आज से दिल्ली में दौड़ेंगे 1,111 जीपीएस युक्त वॉटर टैंकर, दिखाई गई हरी झंडी, दावा- पानी की बर्बादी और चोरी पर लगेगी लगाम
  11. भाजपा आज से शुरू कर रही ‘वक्फ सुधार जन जागरूकता अभियान’
  12. पश्चिम बंगाल : मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को सुनवाई
  13. निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के बयान से भाजपा का किनारा, कहा- ‘यह उनका व्यक्तिगत बयान’
  14. संगठन को मजबूत करेगी कांग्रेस, ‘संविधान बचाओ’ रैलियों से देश भर में शुरू होगा जन अभियान
  15. दिल्ली इमारत हादसा : राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताया शोक, राहत राशि की घोषणा

उप्र में गोहत्या पर 10 वर्ष की कैद

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 10 जून 2020, 10:21 AM IST
उप्र में गोहत्या पर 10 वर्ष की कैद
Read Time:3 Minute, 5 Second

लखनऊ, 10 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार ने गोहत्या कानून को और ज्यादा प्रभावी बना दिया है। इसमें सजा बढ़ाने के साथ गोवंश को नुकसान पहुंचाने पर भी सजा का प्रावधान कर दिया गया है। गोहत्या पर अब 3 से 10 साल की सजा व गोवंश को शारीरिकतौर पर नुकसान पहुंचाने पर 1. 7 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा गोकशी और गोतस्करी से जुड़े अपराधियों के फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे। योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में देर रात कैबिनेट की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश गोवध निवारण(संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को भी स्वीकृति दे दी गई।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, विधानमंडल सत्र न होने के मद्देनजर अध्यादेश को पारित कराने का निर्णय लिया गया है। इसका मकसद गोवध निवारण अधिनियम 1955 को अधिक प्रभावी बनाना, गोवंश की रक्षा, व गोकशी की घटनाओं को पूरी तरह से रोकना है।

अभी तक अधिनियम में गोकशी की घटनाओं के लिए सात वर्ष की अधिकतम सजा का प्राविधान है। इससे ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों की जमानत हो जाने के मामले बढ़ रहे हैं। जमानत के बाद उनके फिर ऐसी घटनाओं में संलिप्त होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए ही अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन करते हुए अधिकतम सजा दस वर्ष और जुर्माना अधिकतम पांच लाख रुपये किया जा रहा है।

इसके साथ ही अब गो तस्करी में शामिल वाहनों के चालक, ऑपरेटर और स्वामी भी तब तक इस इसी अधिनियम के तहत आरोपित किए जाएंगे, जब तक यह साबित न हो जाए कि उनकी जानकारी के बिना वाहन का इस्तेमाल ऐसी घटना में किया गया है। कब्जे में ली गईं गायों और उसके गोवंशों के भरण-पोषण का एक वर्ष तक का खर्च भी अभियुक्त से ही लिया जाएगा।

गोवध निवारण अधिनियम 1955 प्रदेश में छह जनवरी 1956 को लागू हुआ था। वर्ष 1956 में इसकी नियमावली बनी। वर्ष 1958, 1961, 1979 एवं 2002 में अधिनियम में संशोधन किया गया। नियमावली के वर्ष 1964 व 1979 में संशोधन हुआ लेकिन, अधिनियम में कुछ ऐसी शिथिलताएं बनी रहीं, जिसके कारण यह अधिनियम जन भावना की अपेक्षानुसार प्रभावी ढंग से कार्यान्वित न हो सका।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *