BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शनिवार, 19 अप्रैल 2025 09:29 AM
  • 30.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. आईपीएल : पंजाब ने आरसीबी को हराया, टिम डेविड का अर्धशतक बेकार
  2. झारखंड : भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा, ‘मंत्री हफीजुल संविधान को नहीं मानते’
  3. उत्तराखंड में होगी ‘वक्फ संपत्तियों’ की जांच, सीएम धामी बोले – ‘समाज के हित में होगा जमीन का इस्तेमाल’
  4. संविधान पर झारंखड के मंत्री हफीजुल अंसारी के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा
  5. मुर्शिदाबाद पहुंचे राज्यपाल सीवी आनंद बोस, कहा – ‘समाज में शांति स्थापित करेंगे’
  6. तेजस्वी को इंडी अलायंस में मिली नई जिम्मेदारी, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी बोले ‘लॉलीपॉप थमा दिया गया’
  7. प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे साल का प्लान, यमुना भी होगी साफः सीएम रेखा गुप्ता
  8. गुड फ्राइडे हमें दयालुता, करुणा और हमेशा उदार हृदय रखने की प्रेरणा देता है : पीएम मोदी
  9. आईपीएल 2025 : विल जैक्स का शानदार प्रदर्शन, मुंबई इंडियंस ने हैदराबाद को चार विकेट से हराया
  10. वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का कांग्रेस ने किया स्वागत, बताया संविधान की जीत
  11. दाऊदी बोहरा समाज के प्रतिनिधियों ने वक्फ कानून को सराहा, पीएम मोदी के विजन का किया समर्थन
  12. पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय से की बातचीत, वक्फ कानून को बताया ऐतिहासिक कदम
  13. मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर ‘महागठबंधन’ ने नहीं खोले पत्ते, भाजपा-जदयू ने कसा तंज
  14. दाउदी बोहरा समाज के प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से की मुलाकात, वक्फ कानून में संशोधन के लिए जताया आभार
  15. मुर्शिदाबाद हिंसा : तस्वीरें गवाह, उपद्रवियों ने सैकड़ों घर लूटे, जलाकर किया राख

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के दस वर्षों ने जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को दिया बढ़ावा

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 08 अप्रैल 2025, 12:53 PM IST
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के दस वर्षों ने जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को दिया बढ़ावा
Read Time:4 Minute, 44 Second

बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। देश प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के दस साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य वित्तपोषित सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों का वित्तपोषित करना है।

माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) के अंतर्गत पीएमएमवाई की स्थापना सूक्ष्म इकाइयों से संबंधित विकास एवं पुनर्वित्त गतिविधियों के लिए केंद्र द्वारा की गई थी।

अप्रैल 2015 में लॉन्च होने के बाद से, पीएमएमवाई ने 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए हैं, जिससे देश भर में उद्यमिता क्रांति को बढ़ावा मिला है। व्यापार वृद्धि अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई है। यह छोटे शहरों और गांवों तक फैल रही है, जहां पहली बार उद्यमी अपने भाग्य की बागडोर संभाल रहे हैं। मानसिकता में बदलाव स्पष्ट है कि लोग अब नौकरी चाहने वाले नहीं रह गए हैं, वे नौकरी देने वाले बन रहे हैं।

यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) द्वारा बिना कुछ गिरवी रखे 20 लाख रुपये तक का संस्थागत कर्ज दिया जाए।

सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुद्रा योजना पहुंच को सरल बनाकर जमीनी स्तर पर उद्यमिता के एक नए युग की नींव रखी है। सिलाई इकाइयों और चाय की दुकानों से लेकर सैलून, मैकेनिक की दुकानों और मोबाइल मरम्मत व्यवसायों तक, करोड़ों सूक्ष्म उद्यमियों ने आत्मविश्वास के साथ आगे कदम बढ़ाया है।

पीएमएमवाई ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि सूक्ष्म और लघु उद्यमों को संस्थागत ऋण की पेशकश करके उद्यमों का समर्थन किया है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

सभी मुद्रा लाभार्थियों में 68 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो देश भर में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2025 के बीच प्रति महिला पीएमएमवाई संवितरण राशि 13 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 62,679 रुपये पर पहुंच गई, जबकि प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपये हो गई।

जिन राज्यों में महिलाओं को ज्यादा ऋण दिया गया है, वहां महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे छोटे व्यवसायों (एमएसएमई) के माध्यम से रोजगार का सृजन बहुत हुआ है। इससे यह पता चलता है कि महिलाओं को लक्षित करके वित्तीय सहायता देना उनकी आर्थिक स्थिति और काम करने की दर को बढ़ाने में बहुत प्रभावी है।

इस योजना ने पारंपरिक ऋण बाधाओं को तोड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत मुद्रा खाते एससी, एसटी और ओबीसी उद्यमियों के पास हैं, जिससे औपचारिक वित्त तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होती है।

इसके अलावा, मुद्रा ऋण धारकों में से 11 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों से हैं, जो हाशिए पर पड़े समुदायों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदार बनने में सक्षम बनाकर समावेशी विकास में इस योजना के योगदान को दर्शाता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *