
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से बुधवार को यहां की एक अदालत ने सख्ती बरतते हुए पूछा कि वह हमेशा अंतिम समय में ही अदालत क्यों पहुंचते हैं। निर्भया के वकील ए. पी. सिंह लगातार दोषियों की फांसी की सजा में देरी करने के लिए नए-नए तरीके खोजते रहे हैं। उन्होंने चारों दोषियों को शुक्रवार को दी जाने वाली फांसी की सजा में देरी के लिए एक और प्रयास किया और उनके कानूनी उपाय लंबित होने का हवाला देते हुए एक बार फिर ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने गुरुवार की रात 12 बजे तक तिहाड़ जेल अधिकारियों और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी और कहा, “आप अंतिम समय में अदालत का रुख क्यों करते हैं?”
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, “कोई कानूनी उपाय लंबित नहीं है। उनकी फांसी के लिए सिर्फ 36 घंटे बाकी हैं।”
निर्भया
के दोषियों को 20 मार्च की सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर फांसी होगी। अदालत
की ओर से इससे पहले भी इनके डेथ वारंट पर रोक लग चुकी है। अब देखना यह होगा
कि क्या इस बार भी ये कानूनी दांव-पेंच में उलझाकर डेथ वारंट पर रोक लगवा
लेते हैं या उन्हें तय समय पर फांसी मिलेगी।