BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 21 अप्रैल 2025 09:30 PM
  • 32.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. भारत, अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब
  2. बोकारो में एक करोड़ के इनामी सहित आठ नक्सली ढेर, डीजीपी बोले- बाकी सरेंडर करें अन्यथा मारे जाएंगे
  3. कांग्रेस के ‘युवराज’ विदेशों में करते हैं भारत को बदनाम, उनकी नीति और नीयत में खोट : अनुराग ठाकुर
  4. राहुल गांधी ने अमेरिका में उठाए सवाल बोले- महाराष्ट्र में बालिगों से ज्यादा वोटिंग कैसे हो गई?
  5. शांति और प्रेम की आवाज : पोप फ्रांसिस के निधन पर विश्व नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
  6. दुनिया उन्हें करुणा, विनम्रता के लिए रखेगी याद : पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी
  7. पोप फ्रांसिस का निधन, 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
  8. इमरान मसूद ने राहुल के अमेरिका में दिए बयान का किया समर्थन, बोले- ईसीआई को लेकर जो कहा वो सच
  9. आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव में नहीं उतारेगी उम्मीदवार, भाजपा के लिए रास्ता खुला
  10. विदेशी में जाकर भारतीय संस्थाओं का अपमान राहुल गांधी की पहचान बन गया है : शहजाद पूनावाला
  11. भारत पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, एयरपोर्ट पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
  12. अहमदाबाद में खुद को वक्फ ट्रस्टी बताकर किराया वसूली का पर्दाफाश, पांच लोग गिरफ्तार
  13. आईपीएल 2025 : रोहित व सूर्या की शानदार बल्लेबाजी, मुंबई ने सीएसके को नौ विकेट से हराया
  14. आईपीएल 2025 : आरसीबी से हार के बाद पोंटिंग ने कहा, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की
  15. एनडीए से अलग होने पर पशुपति कुमार पारस बोले, ‘लोकसभा चुनाव में हमारे सांसदों का टिकट कटा, तो बहुत बुरा लगा था’

दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 29 फ़रवरी 2020, 10:06 AM IST
दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार
Read Time:2 Minute, 8 Second

नई दिल्ली, (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा संबंधी अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि सबरीमला मामले पर सुनवाई के बाद इसे देखा जाएगा। भूषण चाहते थे कि कानून व्यवस्था के मामले की जांच से पुलिस को अलग किया जाए व अलग-अलग विंग हो और इस मुद्दे पर तुरंत आदेश जारी किया जाए।

भूषण ने 2006 के प्रकाश सिंह के फैसले में की गई सिफारिश की प्रकृति का भी हवाला दिया। भूषण ने अदालत के समक्ष कहा कि पहले ही 14 साल हो चुके हैं और इसे लागू नहीं किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और सूर्यकांत शामिल रहे। पीठ ने कहा, “सबरीमला (सुनवाई) पूरी होने के बाद ही सुना जाएगा।”

भूषण ने हिंसा की प्रवृत्ति का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष कहा, “दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है उसे देखें। पुलिसकर्मी खुद भागीदार हैं .. वे हिंसा करने वालों के पक्ष में हैं।”

भूषण ने निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए पूछा कि इन पुलिसकर्मियों को कैसे जांच सौंपी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था एक शासनात्मक कार्य है जबकि जांच आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा है।

उन्होंने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष जोर दिया। पीठ ने कहा, “ठीक है। हम मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं, लेकिन सबरीमला के बाद।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *