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जासूसी मामला : श्रीलंकाई नागरिक को पांच साल की जेल

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अपडेटेड 16 मार्च 2020, 12:45 PM IST
जासूसी मामला : श्रीलंकाई नागरिक को पांच साल की जेल
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चेन्नई, (आईएएनएस)| श्रीलंकाई नागरिक अरुण सेल्वाराजन को सनसनीखेज थमीम अंसारी जासूसी मामले में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए सेल्वाराजन को सभी आरोपों के लिए दोषी मानते हुए 5 साल की जेल और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

यह मामला मूल रूप से तमिलनाडु पुलिस द्वारा थमीम अंसारी को 17 सिंतबर 2012 को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद दर्ज किया गया था। थमीम तमिलनाडु के तंजावुर जिले का निवासी है। अंसारी को दरअसल कोलंबो स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात आमिर जुबैर सिद्दकी के इशारे पर यहां जासूसी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए ने कहा कि भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश थी। आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने 1 मई, 2013 को मामला फिर से दर्ज किया था और जांच का जिम्मा संभाला था। बाद में 10 सितंबर 2014 को इस मामले में सेल्वराजन को पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के इशारे पर इसी तरह की जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया।

सेल्वराजन पहले श्रीलंका में आपराधिक मामलों में वांछित था और प्रवर्तन एजेंसियों ने इसके लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया था।

एनआईए के अनुसार, सेल्वराजन और अंसारी दोनों ने भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालते हुए सिद्दीकी को इस तरह की जानकारी प्रसारित करने के अलावा विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों की जासूसी की थी।

एनआईए ने 6 मार्च 2015 को अंसारी और सेल्वराजन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। बाद में, 30 मार्च 2016 को सेल्वराजन के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।

8 जनवरी, 2018 को दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे और 29 जनवरी, 2018 को जांच शुरू की गई थी। सेल्वाराजन को अब उसके खिलाफ लगे सभी आरोपों में दोषी ठहराया गया है।

एनआईए ने कहा, “अंसारी के खिलाफ जांच जारी है और फरार आरोपी, श्रीलंका के मूल निवासी मोहम्मद अनवर मोहम्मद सिराज अली के अलावा पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी अमीर जुबैर सिद्दीकी और अन्य के खिलाफ भी जांच जारी है।”

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