हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर को सुप्रीम कोर्ट ने छेड़छाड़ के मामले में 6 महीने कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में वो सजा काट चुके हैं, लिहाजा उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा। कानूनी जानकार बताते हैं कि पहले छेड़छाड़ के मामले में अधिकतम दो साल कैद की सजा का प्रावधान था, लेकिन निर्भया केस के बाद कानून में बदलाव हुआ है और अब छेड़छाड़ को विस्तार से व्याख्या करते हुए उसमें सजा के सख्त प्रावधान किए गए हैं। 2013 में जब कानून में संशोधन हुआ है उसके बाद के मामलों में छेड़छाड़ के लिए नए कानून के तहत सजा का प्रावधान है।
कानूनी जानकार व हाई कोर्ट के वकील नवीन शर्मा बताते हैं कि छेड़छाड़ के मामले को अब अपराध की गंभीरता के हिसाब से व्याख्या की गई है और अलग-अलग सब सेक्शन में सजा का अलग-अलग प्रावधान किया गया है।
कानूनी जानकार और हाई कोर्ट के वकील बताते हैं कि निर्भया केस के बाद एंटी रेप लॉ बनाया गया। इसके तहत कानून में व्यापक बदलाव किए गए। कानूनी जानकार बताते हैं कि अब 354 के तहत छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है और इसे गैर-जमानती अपराध माना गया है।
हाई कोर्ट के वकील मुरारी तिवारी बताते हैं कि एंटी रेप लॉ 2013 से प्रभावी है और आईपीसी की धारा-354 में कई सब सेक्शन बनाए गए हैं। इसके तहत छेड़छाड़ के लिए अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान किया गया है। आईपीसी की धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी बनाया गया है। धारा 354 एक के चार पार्ट हैं। इसके तहत कानूनी व्याख्या की गई है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ सेक्सुआल नेचर का फिजिकल टच करता है या फिर ऐसा कंडक्ट दिखाता है जो सेक्सुअल कलर लिया हुआ हो तो 354 ए पार्ट 1 लगेगा। वहीं सेक्सुअल डिमांड करने पर पार्ट 2, मर्जी के खिलाफ पोर्न दिखाने पर पार्ट 3 और सेक्सुअल कलर वाले कंमेंट पर पार्ट 4 लगता है। 354 ए के पार्ट 4 में एक साल तक कैद जबकि बाकी तीनों पार्ट में 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।
नए कानून के तहत अगर कोई शख्स जबरन महिला का कपड़ा उतरवाता है या फिर उकसाता है तो धारा-354 बी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को 3 साल से लेकर 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है और मामला गैर जमानती होगा। महिला के प्राइवेट एक्ट का फोटोग्राफ लेना और बांटने के मामले में आईपीसी की धारा-354 सी लगती है दोषी को एक साल से तीन साल तक कैद का प्रावधान है दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 साल से 7 साल तक कैद की सजा हो सकती है और यह गैर जमानती अपराध होगा। वहीं लडक़ी या महिला का पीछा करना और कॉन्टैक्ट करने का प्रयास यानी स्टॉकिंग के मामले में आईपीसी की धारा-354 डी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को तीन साल तक कैद हो सकती है।