
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार की शाम जामिया नगर से कालिंदी कुंज होते हुए नोएडा की ओर जाने वाला रास्ते को प्रदर्शनकारियों की तरफ से करीब 2 महीने बाद खोल दिया गया। इस रास्ते गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है। सुबह करीब 10.30 बजे वातार्कार साधना रामचंद्रन प्रदर्शनकारियों से मिलने शाहीनबाग पहुंची थीं। उस वक्त उन्होंने प्रदर्शनकारियों के सामने कहा था कि “अगर सड़क नहीं खुलेगी तो हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकेंगे। हम आपको प्रदर्शन खत्म करने के लिए नहीं कह रहे हैं।”
इसके बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से लगातार कहा जा रहा था कि “सड़क हमने बंद की ही नहीं थी, दिल्ली पुलिस की तरफ से यह सड़क बंद की गई।”
वहीं, डीसीपी आर.पी. मीणा ने आईएएनस से कहा, “सड़क को ना हमने पहले बंद किया किया था और न हमने इसको खोला है।”
सीएए और एनआरसी को लेकर शाहीनबाग में पिछले 70 दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है और इस वजह से इस रास्ते पर प्रदर्शन हो रहा है। उससे आसपास के लोगों को दिक्कत हो रही थी।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत बेनतीजा रही थी। वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन की चार दिनों से अपनी कोशिशें जारी रखे हुए थे।
प्रदर्शनकारियों की तरफ से खोली गई सड़क को लेकर तीसरे वार्ताकार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने आईएएनएस से कहा, “प्रदर्शनकारियों ने सड़क खोल दी है, उसका मैं स्वागत करता हूं।”
आईएएनस ने जब यह पूछा कि क्या मान लिया जाए कि वार्ताकारों की कोशिश सफल हुई? तो इसके जवाब में हबीबुल्लाह ने कहा कि यह कहना अभी मुनासिब नहीं होगा, क्योंकि प्रदर्शन अभी चल ही रहा है।
चौथे दिन शनिवार सुबह भी वार्ताकार साधना रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगें रखते हुए कहा था कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा। फिलहाल कालिंदी कुंज मार्ग से बैरिकेड हटा लिए गए हैं।