
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) द्वारा रिश्वतखोरी के उस मामले में दाखिल आरोपपत्र पर अपनी सहमति दे दी, जिसमें एजेंसी के विशेष निदेशक अस्थाना को हाल ही में क्लीनचिट दे दी गई थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा, “राकेश अस्थाना और डीसीपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। अगर भविष्य में सीबीआई की जांच में कुछ सामने आया तो हम देखेंगे।”
2018 में गिरफ्तार किए गए और बाद में जमानत पर रिहा हुए अस्थाना और कुमार के खिलाफ आरोपी के तौर पर पर्याप्त सबूत नहीं होने की वजह से आरोपपत्र के कॉलम 12 में नाम था।
11 फरवरी को दाखिल आरोपपत्र में केवल बिचौलिए मनोज प्रसाद को आरोपी ठहराया गया था।
अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया और कहा कि आरोपी मनोज, उसके भाई सोमेश्वर प्रसार और ससुर सुनील मित्तल के खिलाफ मामले चलाने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
अदालत ने अब दोनों को तलब किया है और 13 अप्रैल को खुद के समक्ष पेश होने का आदेश दिया।