BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 05:06 अपराह्न
  • 24.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. विपक्ष की बात मानने के बावजूद वे सदन में शोर मचा रहे : जगदंबिका पाल
  2. पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 100 से अधिक
  3. सीएम हेमंत सोरेन ने शहीद अग्निवीर के आश्रित को नियुक्ति पत्र और 10 लाख मुआवजे का चेक सौंपा
  4. दिवालिया हो गई दिल्ली सरकार? : हाई कोर्ट
  5. यह क्षण न केवल कांग्रेस, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का एक भावुक पल : पवन खेड़ा
  6. एकनाथ शिंदे को कोई पद नहीं चाहिए: संजय शिरसाट
  7. दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में संदिग्ध विस्फोट, दिल्ली पुलिस मौके पर मौजूद
  8. प्रियंका गांधी के संसद में आने से आएगा भारतीय राजनीति में बदलाव : राजीव शुक्ला
  9. झारखंड में चौथी बार सीएम की शपथ लेते ही हेमंत सोरेन के नाम दर्ज होंगे कई राजनीतिक रिकॉर्ड
  10. संविधान की प्रति हाथ में लेकर प्रियंका गांधी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली
  11. नीलामी के दौरान आरसीबी मैनेजमेंट के कैलकुलेटेड और बोल्ड एप्रोच ने बनाई संतुलित टीम
  12. चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से भारत के मुस्लिम चिंतित : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
  13. इस्लामाबाद में हालात गंभीर, हिंसक झड़पों में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत
  14. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता क्‍या होगी खत्म?, याचिकाकर्ता ने बताई सच्चाई
  15. राहुल ने फिर उठाया सावरकर का मुद्दा, भाजपा ने लगाई फटकार

रेप, डकैती और हत्या में केस नहीं हो सकता रद्द

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 04 फ़रवरी 2020, 8:57 AM IST
रेप, डकैती और हत्या में केस नहीं हो सकता रद्द
0 0
Read Time:2 Minute, 36 Second

दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते एक अहम फैसले में कहा है कि रेप का केस दर्ज होने के बाद अगर आरोपी और शिकायती लडक़ी के बीच समझौता हो जाए और दोनों शादी कर लें तब भी समझौते के आधार पर केस रद्द नहीं हो सकता। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया गया। इसमें कहा गया कि समाज के खिलाफ किए गए अपराध के मामले में समझौते के आधार पर केस रद्द नहीं हो सकता। आखिर किन मामलों में समझौते के आधार पर केस रद्द हो सकता है और किन मामलों में नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर क्या व्यवस्था दी हुई है, ये जानना जरूरी है।
समझौतावादी और गैर समझौतावादी अपराध: कानूनी जानकार बताते हैं कि अपराध दो तरह से होते हैं समझौतावादी और गैर समझौतावादी। समझौतावादी अपराध आमतौर पर हल्के किस्म के अपराध होते हैं। गैर समझौतावादी मामले गंभीर किस्म के अपराध होते हैं। सीनियर एडवोकेट केके मनन बताते हैं कि सीआरपीसी की धारा-320 के तहत उन अपराध के बारे में बताया गया है जो समझौतावादी होते हैं। 3 साल तक की सजा वाले ज्यादातर मामले समझौतावादी हैं। इसमें कुछ अपवाद भी हैं। समझौतावादी अपराध में धमकी देना, मामूली मारपीट, जबरन रास्ता रोकने और आपराधिक मानहानि जैसे मामले आते हैं। ऐसे मामले में अगर शिकायती और आरोपी के बीच समझौता हो जाए और वे चाहते हैं कि केस खत्म किया जाना चाहिए तो इसके लिए समझौता करने के बाद कोर्ट (जिस कोर्ट में मामला पेंडिंग है) को सूचित किया जाता है कि समझौता हो चुका है ऐसे में कार्रवाई खत्म की जाए और फिर केस को अदालत खत्म कर देती है। इसी कैटिगरी में कुछ ऐसे भी अपराध हैं, जिसमें कोर्ट की इजाजत से केस रद्द होता है। चोरी, धोखाधड़ी और जख्मी करने जैसे मामलों में कोर्ट की इजाजत से ही केस रद्द हो सकता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *