नई दिल्ली, (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त वार्ताकार लगातार दूसरे दिन गुरुवार को शाहीनबाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लगातार दूसरे दिन भी कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद वार्ताकारों ने बंद सड़कों का जायजा भी लिया और अपने साथ दो महिला प्रदर्शनकारियों को भी साथ लिया। शाहीनबाग के वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना से बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी महिलाओं में नाराजगी नजर आई और जिस वक्त दोनों वातार्कार रास्तों को देखने के लिए गए, उस वक्त दो महिला प्रदर्शनकारी भी उनके साथ गई थीं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें रास्ते दिखाने ही नहीं दिया गया। पुलिस अधिकारी खुद ही कुछ न कुछ बहानाते रहे और वातार्कारों को भटकाते रहे।
एक प्रदर्शनकारी महिला ने आईएएनएस से कहा कि वार्ताकार उनके साथ बंद सड़क देखने गए। पुलिस ने वातार्कारों को अपने तरीके से रास्ता दिखाया, उन्हें बताने ही नहीं दिया। महिला ने आरोप लगाया, “जब हम कुछ बोलते या रास्ते को लेकर बात कहते तो पुलिस अपने मन की बात करके बात को घुमा देती थी।”
आईएएनएस ने पुलिस अधिकारी से इस आरोप पर बात की तो पुलिस अधिकारी की तरफ से कहा गया कि ये आरोप गलत है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिस तरह महिला प्रदर्शनकारी कह रही थीं कि ये रास्ते खोल दो, यहां से गाड़ियां निकल जाएंगी। सवाल यह है कि ये कैसे पता चलेगा कि ये गाड़ी फरीदाबाद जाएगी और ये गाड़ी नोएडा।
शाहीनबाग में दो महीने से ज्यादा
वक्त से सीएए को लेकर प्रदर्शन की वजह से मुख्य सड़क बंद है, जिसको
खुलवाने की कोशिश जारी है। सड़क बंद होने की वजह से लोगों को परेशानियों का
सामना भी करना पड़ रहा है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े
और साधना रामचंद्रन को वातार्कार नियुक्त किया है।