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दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग के अपहरण, हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को कम किया

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अपडेटेड 27 जून 2023, 11:07 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग के अपहरण, हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को कम किया
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दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग के अपहरण, हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को कम किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 2009 में 12 वर्षीय पड़ोसी के अपहरण और हत्या के लिए एक व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को बिना किसी छूट के 20 साल के कठोर कारावास में बदल दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 2009 में 12 वर्षीय पड़ोसी के अपहरण और हत्या के लिए एक व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को बिना किसी छूट के 20 साल के कठोर कारावास में बदल दिया।

अपराध के 11 साल बाद 2020 में एक ट्रायल कोर्ट ने दोषी जीवक नागपाल को यह कहते हुए मौत की सजा सुनाई कि यह कृत्य क्रूर और वीभत्स था। जब नागपाल ने लड़के की हत्या की थी तब उसकी उम्र 21 साल थी, और जब उसे दोषी ठहराया गया तब उसकी उम्र 32 साल हो गई थी।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने दोषी की मौत की सजा को कम कर दिया, कोई छूट नहीं दी जाएगी। खंडपीठ ने कहा कि अपीलकर्ता की सजा को 20 साल तक बिना किसी छूट के आजीवन कठोर कारावास में बदल दिया और 1 लाख का जुर्माना न अदा करने की स्थिति में छह महीने के साधारण कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।

आगे कहा कि आईपीसी की धारा 364ए, 201 और 506 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजाएं संशोधित नहीं की गई हैं और वहीं रहेंगी। अदालत ने मौत की सजा को कम करके दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए नागपाल की अपील का निपटारा कर दिया। नागपाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 364ए, 201 और 506 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था।

अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता को चार्टर्ड अकाउंटेंट कोर्स में नामांकित किया गया था। अपीलकर्ता या उसके परिवार के सदस्यों का कोई पिछला आपराधिक इतिहास नहीं है। अपीलकर्ता का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन करने पर ऐसी कोई बीमारी या पिछला इतिहास नहीं पाया गया है। नॉमिनल रोल के अनुसार, अपीलकर्ता का जेल आचरण 15 जुलाई, 2020 की एक जेल की सज़ा को छोड़कर संतोषजनक है।

अदलात ने आगे कहा कि जेल में अपीलकर्ता कानूनी कार्यालय में सहायक के रूप में काम कर रहा है। अदालत ने नागपाल की सजा कम करते हुए कहा कि भले ही फिरौती के लिए नाबालिग के अपहरण का अपराध पूर्व नियोजित तरीके से किया गया था, लेकिन हत्या की योजना नहीं बनाई गई थी। नागपाल को अपनी कार के जैक हैंडल से चोट पहुंचाकर नाबालिग की हत्या करने और बाद में उसका गला घोंटकर शव को नाले में फेंकने का दोषी ठहराया गया था।

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