BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   रविवार, 20 अप्रैल 2025 12:31 PM
  • 37.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. दिल्ली इमारत हादसा : राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताया शोक, राहत राशि की घोषणा
  2. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मुर्शिदाबाद हिंसा पर लेना चाहिए संज्ञान : आचार्य प्रमोद कृष्णम
  3. केसी त्यागी ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट को बताया सर्वोच्च, बंगाल में सुशासन की मांग
  4. बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या की खड़गे ने की निंदा, केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  5. पीएम मोदी से बात करना सम्मानजनक, इस साल भारत आने का बेसब्री से इंतजार : एलन मस्क
  6. संविधान ही सर्वोपरि, मनमानी का दौर अब नहीं चलेगा : अखिलेश यादव
  7. ‘हम इस तरह नहीं जी सकते’, दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं
  8. तेजस्वी ने भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा, कहा- हर टेंडर में मंत्री का 30 फीसदी कमीशन तय
  9. आईपीएल : पंजाब ने आरसीबी को हराया, टिम डेविड का अर्धशतक बेकार
  10. झारखंड : भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा, ‘मंत्री हफीजुल संविधान को नहीं मानते’
  11. उत्तराखंड में होगी ‘वक्फ संपत्तियों’ की जांच, सीएम धामी बोले – ‘समाज के हित में होगा जमीन का इस्तेमाल’
  12. संविधान पर झारंखड के मंत्री हफीजुल अंसारी के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा
  13. मुर्शिदाबाद पहुंचे राज्यपाल सीवी आनंद बोस, कहा – ‘समाज में शांति स्थापित करेंगे’
  14. तेजस्वी को इंडी अलायंस में मिली नई जिम्मेदारी, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी बोले ‘लॉलीपॉप थमा दिया गया’
  15. प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे साल का प्लान, यमुना भी होगी साफः सीएम रेखा गुप्ता

हाईकोर्ट ने पोस्‍टमार्टम के दौरान मानव अंगों को हटाने की जांच की मांग पर दिल्ली सरकार, एमएएमसी से जवाब मांगा

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 22 अगस्त 2023, 1:38 PM IST
हाईकोर्ट ने पोस्‍टमार्टम के दौरान मानव अंगों को हटाने की जांच की मांग पर दिल्ली सरकार, एमएएमसी से जवाब मांगा
Read Time:4 Minute, 0 Second

हाईकोर्ट ने पोस्‍टमार्टम के दौरान मानव अंगों को हटाने की जांच की मांग पर दिल्ली सरकार, एमएएमसी से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पोस्‍टमार्टम के दौरान शवों से हड्डियों और ऊतकों सहित मानव अंगों को कथित रूप से अवैध रूप से हटाने की जांच की मांग वाली एक याचिका के जवाब में दिल्ली सरकार और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

एमएएमसी में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख उपेंद्र किशोर द्वारा दायर याचिका को न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद द्वारा 15 जनवरी, 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

किशोर ने अपनी याचिका में दलील दी कि मृतकों के शरीर से अंगों, ऊतकों और हड्डियों को निकालना न केवल गैरकानूनी और अनैतिक है, बल्कि मृत व्यक्तियों की गरिमा का भी हनन है।

उन्होंने कहा कि शव-परीक्षण करने वाला डॉक्टर किसी के शरीर पर स्वामित्व नहीं रखता है और अकादमिक हितों के आधार पर अंगों को नहीं हटा सकता।

बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कार्यरत किशोर नामक व्‍यक्ति ने मानव अंगों और ऊतकों को कथित रूप से अवैध रूप से हटाने के मामले में उच्च न्यायालय या जिला अदालत के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक स्वतंत्र जांच की मांग की, जो कि अधिनियम का उल्लंघन है।

उन्होंने दावा किया कि एमएएमसी से जुड़े कई डॉक्टर इन कृत्यों में शामिल थे, उन्होंने कहा कि आपत्तियां उठाने के बाद उन्हें उत्पीड़न और आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा।

किशोर ने यह भी सुझाव दिया कि कार्रवाई शैक्षणिक उद्देश्यों की आड़ में की गई थी।

याचिकाकर्ता ने चिंता व्यक्त की कि “शैक्षणिक उद्देश्यों” शब्द का दुरुपयोग चिकित्सा पेशे की अखंडता को खतरे में डाल सकता है। उन्‍होंने दावा किया कि ऐसी प्रथाओं की अनुमति संभावित रूप से व्यक्तियों के अधिकारों और डॉक्टरों और सर्जनों के नैतिक आचरण को कमजोर कर सकती है।

इन कथित अवैध प्रथाओं के बारे में 2019 से लगातार शिकायतों के बावजूद किशोर ने तर्क दिया कि एमएएमसी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।

उन्हें डर है कि अधिकारी इस मामले को नज़रअंदाज कर सकते हैं या मामले को रफा-दफा कर सकते हैं।

याचिका में मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारोपण अधिनियम की धारा 22 के तहत संबंधित प्राधिकारी को अंगों और ऊतकों के कथित अवैध निष्कासन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट के साथ औपचारिक शिकायत दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

याचिका में आगे दावा किया गया कि मानव शरीर के अंगों का काला व्यापार खूब फल-फूल रहा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *