BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 16 जून 2025 06:24 PM
  • 32.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ‘इजरायल-ईरान में शांति समझौता जल्द’, राष्ट्रपति ट्रंप का दावा
  2. नीलांबुर उपचुनाव महत्वपूर्ण, केरल में बदलाव की दिशा में पहले कदम का अवसर : प्रियंका गांधी
  3. साइप्रस पहुंचे पीएम मोदी, एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति निकोस ने किया भव्य स्वागत
  4. उत्तर प्रदेश : कांस्टेबल पद के लिए नियुक्ति पत्र मिलने पर उम्मीदवारों के चेहरे खिले
  5. यूएन में गाजा पर वोटिंग से भारत की दूरी पर बोले खेड़ा, यह सरकार के नैतिक पतन का जीता-जागता उदाहरण
  6. लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें, राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भेजा नोटिस, 15 दिनों में मांगा जवाब
  7. केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश पर प्रियंका गांधी ने जताया दुख, राज्य सरकार से की ये अपील
  8. न खर्ची, न पर्ची, न सिफारिश, सिर्फ योग्यता के आधार पर मिली नौकरी : अमित शाह
  9. आठ वर्षों में बिना रुके, बिना झुके, बिना डिगे काम किया : मुख्यमंत्री योगी
  10. पाकिस्तान की प्रवक्ता बन चुकी है कांग्रेस , उसकी ही भाषा बोलती है पार्टी : निशिकांत दुबे
  11. राहुल गांधी को पाकिस्तान और चीन पर भरोसा है, लेकिन देश पर नहीं : गिरिराज सिंह
  12. उत्तराखंड: केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौत
  13. अहमदाबाद विमान हादसा: पूर्व सीएम विजय रूपाणी का डीएनए अभी तक मैच नहीं हुआ, डॉक्टर ने जानकारी दी
  14. पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा पर रवाना, कहा- ‘आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक समझ बढ़ाने का अवसर’
  15. उत्तराखंड: केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त : 5 की मौत, सीएम धामी ने जताया दुख

माल्या के प्रत्यपर्ण से पहले एक और गोपनीय कानूनी मुद्दा हल करने की जरूरत : मंत्रालय

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 07 अक्टूबर 2020, 1:29 PM IST
माल्या के प्रत्यपर्ण से पहले एक और गोपनीय कानूनी मुद्दा हल करने की जरूरत : मंत्रालय
Read Time:5 Minute, 4 Second

माल्या के प्रत्यपर्ण से पहले एक और गोपनीय कानूनी मुद्दा हल करने की जरूरत : मंत्रालय

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ब्रिटेन गृह कार्यालय (यूके होम ऑफिस) ने सूचित किया है कि एक और कानूनी मुद्दा है, जिसे विजय माल्या के प्रत्यर्पण से पहले हल करने की आवश्यकता है और यह मुद्दा है ‘बाहर और इसके अलावा’ प्रत्यर्पण प्रक्रिया। एक हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा कि माल्या के भारत में आत्मसमर्पण को 28 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को बताया कि हालांकि यूके होम ऑफिस ने कहा है कि आगे एक कानूनी मुद्दा है, जिसे प्रत्यर्पण होने से पहले हल करने की जरूरत है।

हलफनामे में कहा गया है, “ब्रिटेन पक्ष ने आगे कहा है कि यह मुद्दा बाहर (आउटसाइड) और प्रत्यर्पण प्रक्रिया से अलग है, लेकिन इसका प्रभाव यह है कि ब्रिटेन के कानून के तहत प्रत्यर्पण तब तक नहीं हो सकता है, जब तक कि इसे हल नहीं किया जाता है।”

मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन ने यह भी सूचित किया है कि यह अलग कानूनी मुद्दा प्रकृति में न्यायिक और गोपनीय है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला समाप्त हो चुका है, लेकिन ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है, जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है। केंद्र ने कहा कि भारत को माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की जा रही है।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। कुछ गुप्त कार्यवाही हो रही है, जिसके बारे में भारत सरकार को भी अवगत नहीं कराया गया है। भारत सरकार को न तो कोई जानकारी दी गई है और न उसे पक्षकार बनाया गया है।

पीठ ने माल्या के वकील अंकुर सहगल से कहा कि वे इन गोपनीय कार्यवाहियों की प्रकृति के बारे में अदालत को सूचित करें।

न्यायमूर्ति ललित ने सहगल से कहा कि वह अदालत को सूचित करें कि उनका मुवक्किल शीर्ष अदालत के समक्ष कब पेश होगा, ताकि अदालत की अवमानना के लिए सजा पर सुनवाई उनकी उपस्थिति में की जा सके, जिसके लिए वह पहले ही दोषी पाए जा चुके हैं।

शीर्ष अदालत ने माल्या के वकील से दो नवंबर तक इन सवालों के जवाब देने को कहा है।

सहगल ने कहा कि वह अपने मुवक्किल से निर्देश लेंगे।

31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसने उन्हें अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। शीर्ष अदालत ने पांच अक्टूबर को अदालत के समक्ष माल्या को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

शीर्ष अदालत ने माल्या को अवमानना का दोषी माना था, क्योंकि शराब कारोबारी ने अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब नहीं दिया था।

न्यायाधीश यू.यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में फिर से सुनवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

विजय माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है। इस समय वह ब्रिटेन में रह रहा है, जिसके प्रत्यर्पण के लिए सरकार कोशिश कर रही है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *