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सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी के बदले नोट घोटाले में तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ ईडी जांच की अनुमति दी

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अपडेटेड 17 मई 2023, 3:07 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी के बदले नोट घोटाले में तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ ईडी जांच की अनुमति दी
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सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी के बदले नोट घोटाले में तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ ईडी जांच की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2011-15 के कैश-फॉर-जॉब घोटाला मामले में तमिलनाडु के बिजली, उत्पाद और मद्यनिषेध मंत्री वी. सेंथिल बालाजी के खिलाफ पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों को जांच की अनुमति दे दी। जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा : भ्रष्टाचार का यह मामला आपराधिक गतिविधि और अपराध की आय का से जुड़ा है।

यहां तक कि अगर एक अमूर्त संपत्ति एक अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप प्राप्त होती है, तो यह धारा 2(1)(यू) के तहत अपराध की आय बन जाती है .. हम इस तर्क से प्रभावित नहीं हैं कि ईडी द्वारा जांच की गई थी बिना किसी मूलभूत/क्षेत्राधिकार के तथ्यों के ट्रिगर किया गया।

पीठ की ओर से 89 पन्नों का फैसला लिखने वाले न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यम ने कहा : हमारे विचार में, प्राथमिकी में आरोप (1) अनुसूचित अपराधों से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में व्यक्तियों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं; (2) पीढ़ी साथ ही (3) धारा 3 के अर्थ के भीतर अपराध की आय का शोधन। यह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए है कि जहां भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहां अपराध की आय का अधिग्रहण है जो स्वयं धन-शोधन के समान है।

शीर्ष अदालत ने नए सिरे से जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के चौंकाने वाले आदेशों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यह शीर्ष अदालत के पिछले आदेश के खिलाफ भी था।

उच्च न्यायालय ने न केवल अब तक की गई जांच को मिटाने का निर्देश दिया, बल्कि 8 सितंबर, 2022 के इस न्यायालय के फैसले को भी मिटा दिया। न्यायिक अनुशासन की जय हो!

शीर्ष अदालत ने कहा : जांच अधिकारी पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराधों को शामिल करके सभी मामलों में आगे की जांच के लिए आगे बढ़ेंगे। इस संबंध में जांच अधिकारी की ओर से कोई भी लापरवाही इसके लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। कोर्ट भविष्य में एक विशेष जांच दल नियुक्त करने पर विचार करे।

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