BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 11:13 PM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने परिवार संग देखा जयपुर का आमेर किला, राजस्थानी संस्कृति का लिया आनंद
  2. पहलगाम आतंकी हमला : पीएम मोदी बोले, ‘आतंकियों का एजेंडा सफल नहीं होगा’
  3. राष्ट्रपति मुर्मू ने पहलगाम हमले की निंदा की, बताया ‘दर्दनाक और अमानवीय’ कृत्य
  4. जम्‍मू-कश्‍मीर : पहलगाम आतंकी हमले में एक पर्यटक की मौत, 12 घायल, सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘स्तब्ध हूं’
  5. आईपीएल 2025 : प्रसिद्ध-राशिद की गेंदबाजी ने केकेआर को 159 पर रोका, गुजरात टाइटंस की 39 रनों से जीत
  6. दिल्ली एमसीडी चुनाव : आप ने मेयर चुनाव से बनाई दूरी, कांग्रेस ने लगाया भागने का आरोप
  7. चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप को ईसी के पूर्व अधिकारी ने बताया बचकाना
  8. पीएम मोदी ने दिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार
  9. पोप फ्रांसिस के निधन पर खड़गे, राहुल और प्रियंका ने जताया दुख
  10. भारत, अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब
  11. बोकारो में एक करोड़ के इनामी सहित आठ नक्सली ढेर, डीजीपी बोले- बाकी सरेंडर करें अन्यथा मारे जाएंगे
  12. कांग्रेस के ‘युवराज’ विदेशों में करते हैं भारत को बदनाम, उनकी नीति और नीयत में खोट : अनुराग ठाकुर
  13. राहुल गांधी ने अमेरिका में उठाए सवाल बोले- महाराष्ट्र में बालिगों से ज्यादा वोटिंग कैसे हो गई?
  14. शांति और प्रेम की आवाज : पोप फ्रांसिस के निधन पर विश्व नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
  15. दुनिया उन्हें करुणा, विनम्रता के लिए रखेगी याद : पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी

ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट केंद्र से असहमत

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 24 मार्च 2023, 3:16 PM IST
ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट केंद्र से असहमत
Read Time:5 Minute, 41 Second

ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट केंद्र से असहमत

सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार की इस दलील से सहमत नहीं हुआ कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ये याचिकाएं मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप का सामना करने वाली राजनीतिक संस्थाओं द्वारा दायर की गई हैं। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने कहा कि अगर वे अभियुक्त हैं, तब भी उनका ठिकाना है, और अगर इन लोगों का ठिकाना नहीं होगा, तो और कौन होगा?

पीठ में शामिल जस्टिस विक्रम नाथ और संजय करोल ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद टिप्पणी की कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं के लिए ‘पीड़ित’ शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं किया।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने तर्क दिया कि सरकार की आपत्ति यह थी कि याचिकाएं राजनीतिक दलों द्वारा दायर की गई थीं, जो ईडी के ‘पीड़ित’ हैं। मेहता ने इस पर अपनी सफाई दी।

पीठ ने शंकरनारायणन से एसजी के आरोप के साथ अपने बयान से ‘पीड़ित’ शब्द को वापस लेने के लिए कहा। शंकरनारायणन ने आगे कहा कि ईडी एक ‘पिंजरे का तोता’ बन गया है और जोर देकर कहा कि अगर कोई व्यक्ति जानता है कि उसे ‘अच्छा लड़का’ होने पर ही एक्सटेंशन दिया जाएगा, तब स्वतंत्र जांच नहीं की जा सकती। हालांकि, पीठ ने उनसे मामले में शामिल कानूनी मुद्दों पर अपनी दलीलें रखने के लिए कहा।

पीठ ने कहा कि उसे इस बात की परवाह नहीं है कि इससे पहले कोई व्यक्ति पार्टी ए या बी से संबंधित है या नहीं। इसने कहा, “हमें कानून के आधार पर मामले का फैसला करना होगा। अगर याचिकाकर्ता किसी राजनीतिक दल से संबंधित है तो उसके लिए कानून नहीं बदलेगा।”

कांग्रेस नेता जया ठाकुर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने कहा कि ईडी निदेशक का कार्यकाल प्रशासनिक अत्यावश्यकता का हवाला देते हुए बढ़ाया गया था, और जोर देकर कहा कि ऐसी ‘अत्यावश्यकता’ अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकती।

एनजीओ कॉमन कॉज का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि ईडी जैसे संस्थानों को कानून के शासन के हित में स्वतंत्र होना चाहिए और ये संशोधन, यदि सही ठहराए जाते हैं, तो ये इन संस्थानों के पूरे उद्देश्य को विफल कर देंगे।

इस मामले में एमिकस क्यूरी, वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन ने तर्क दिया कि ईडी निदेशक का विस्तार अवैध है। शीर्ष अदालत 20 अप्रैल को मामले की सुनवाई जारी रखेगी।

याचिकाकर्ताओं ने ईडी निदेशक एस.के. मिश्रा के कार्यकाल को दिए गए तीसरे विस्तार और सीवीसी अधिनियम 2021 में संशोधन को चुनौती दी है।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली जनहित याचिका मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेताओं को बचाने के इरादे से दायर की गई है।

याचिकाकर्ताओं – रणदीप सिंह सुरजेवाला, जया ठाकुर (दोनों कांग्रेस), साकेत गोखले और महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस) की ओर इशारा करते हुए हलफनामे में कहा गया है कि इन पार्टियों के प्रमुख नेता ईडी की जांच के दायरे में हैं।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि “यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि उपरोक्त राजनीतिक दलों के कुछ नेता निदेशालय की जांच के अधीन हैं। जांच सख्ती से कानून के अनुसार चल रही है जो इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि ज्यादातर मामलों में सक्षम अदालतों ने संज्ञान लिया है। अदालतों ने उपरोक्त राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *