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स्टडी में खुलासा, जिसे हिममानव समझा जाता है वह वास्तव में भालू है

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अपडेटेड 04 फ़रवरी 2020, 5:12 AM IST
स्टडी में खुलासा, जिसे हिममानव समझा जाता है वह वास्तव में भालू है
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बीएनटी न्यूज, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने मायावी हिममानव से जुड़े मिथक को बुधवार को तार-तार कर दिया। हिममानव के बारे में सदियों से कहा जाता है कि वे हिमालय पर उन जगहों पर रहते हैं जहां इंसान का जाना मुश्किल है। हालिया रिपोर्ट में कहा जाता है कि येती नाम से जाने जानेवाला मिथकीय जीव वास्तव में भालू है। यह एशियन ब्लैक, तिब्बती ब्राउन और हिमालयन ब्राउन में से कोई एक है।

एवरेस्ट पर हिममानव के सबूत मिले?

स्टडी का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक और यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो कॉलेज ऑफ आर्ट्स ऐंड साइंसेज में असोसिएट प्रेफेसर कार्लोट लिंक्विस्ट ने कहा, स्टडी से इशारा मिलता है कि मिथकीय येती से जुड़े जैविक आधार स्थानीय भालूओं में पाए जा सकते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी स्टडी में येती के मिथक को खारिज किया गया है लेकिन पहली बार येती माने जा रहे किसी जीव की हड्डी, दांत, बाल, खाल जैसी चीजों से पुख्ता जेनेटिक सबूतों के आधार पर मिथक को खारिज किया गया है। स्टडी में दुनिया भर के म्यूजियम और निजी संग्रहों में रखे गए कथित येती की वैज्ञानिक जांच के बाद दावा किया गया है कि ये 23 भालूओं के अवशेष हैं।
लिक्विंड कहती हैं, ब्राउन भालू तिब्बती प्लेट पर काफी ऊंचाई पर घूमते पाए जाते हैं और पश्चिमी हिमालय के पर्वतों पर पाए जाने वाले ब्राउन भालू दो अलग-अलग नस्ल से जुड़े हैं। करीब 6 लाख 50 हजार साल पहले दो अलग-अलग प्रजातियों से एक नई प्रजाति बनी। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा, भले ही उनकी मौजूदगी का कोई सबूत नहीं हैं लेकिन वह रहते हैं इसे खारिज करना पूरी तरह नामुमकिन है।

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