बीएनटी न्यूज, नई दिल्ली। एक विशालकाय ग्रह अब वैज्ञानिकों को खगोलीय थिअरी पर दोबारा सोचने को विवश कर सकता है। हृत्रञ्जस्-1ड्ढ साइज में जूपिटर के बराबर है, लेकिन इसका ऑर्बिट एक छोटे लाल तारे के चारों ओर है जोकि इससे आधा है। वैज्ञानिकों ने कभी यह अनुमान नहीं लगाया था कि कोई इतना बड़ा ग्रह इतने छोटे तारे का चक्कर काट सकता है, बल्कि यह ब्रह्मांड निर्माण के कई समझ को भी नकार रहा है। यह अजीब और चुनौतीपूर्ण ग्रह पृथ्वी से 600 प्रकाश पर्व दूर है और ग्रह व तारे का अनुपात असामान्य है। खगोलीय वैज्ञानिकों का नेतृत्व करने वाले वॉरविक यूनिवर्सिटी के डॉ. डैनियल बेलिस ने कहा, एनजीटीएस-वीबी की खोज हमारे लिए पूरी तरह आश्चर्यजनक है। ऐसा नहीं सोचा गया था कि इतना बड़ा ग्रह इतने छोटे तारे का चक्कर काट सकता है। उन्होंने आगे कहा, हम पहले यह समझने की चुनौती का सामना कर रहे हैं कि ग्रह कैसे बनते हैं, अब हमारी चुनौती यह जानना भी है कि आकाश गंगा में इस तरह के ग्रह कितने कॉमन हैं।