
दिल्ली के बापरोला में इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने का प्रस्ताव
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए एक विस्तृत खाका प्रस्तुत किया। दिल्ली के उद्योग मंत्री को सिफारिशें डीडीसी ने सौंपी हैं। डीडीसी द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के जरिए दिल्ली के बापरोला में एक विश्वस्तरीय इलेक्ट्रॉनिक शहर विकसित करने के लिए विस्तृत सिफारिशें की गई हैं। इसमें दिल्ली को भारत और विश्व स्तर पर शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन, मेन्यूफैक्चरिंग व रिफर्बिशमेंट कंपनियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए एक दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, मेन्यूफैक्चरिंग व रेफर्बिशमेंट (ईएसडीएमआर) पॉलिसी 2022-27 का प्रस्ताव दिया गया है।
इस पॉलिसी का उद्देश्य विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के लिए प्रतिस्पर्धी बुनियादी ढांचे और एक अनुकूल नीति वातावरण की पेशकश कर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए दिल्ली को एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। डीडीसी ने सिफारिश की है कि दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए सभी बुनियादी ढांचे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के अनुरूप विकसित किए जाने चाहिए, जिसमें दिल्ली सरकार ने एक रियल एस्टेट डेवलपर के साथ भागीदारी की है। इसे बापरोला में 81 एकड़ के क्षेत्र में दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के विकास, प्रबंधन और रखरखाव के लिए कॉम्पिटीव बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से लाया गया है।
बता दें कि अर्बन एक्स्टेंशन रोडवे-टू के पूरा होने के साथ, बापरोला में बनने वाला दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक सिटी, इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गो से लगभग 20 मिनट की दूरी पर होगा।
डीडीसी ने सिफारिश की है कि ग्लोबल इंडिपेंडेंट डिजाइन हाउस, प्रासंगिक स्टार्ट-अप और प्रोडक्ट डिजाइन में बदलाव करने वाले मूल डिजाइन निर्माताओं को साथ लाने के लिए दिल्ली में एक इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च व डिजाइन फैसिलिटी भी स्थापित की जाए।
डीडीसी द्वारा अनुशंसित ‘इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन विलेज’ की परिकल्पना दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के साथ तालमेल में काम करने के रूप में की गई है, ताकि दिल्ली में रिसर्च और डिजाइन, निर्माण और नवीनीकरण से लेकर मरम्मत-बिक्री के बाद की सेवाओं तक एक संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन स्थापित किया जा सके।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा “इस साल मार्च में दिल्ली सरकार का ‘रोजगार बजट’ पेश करते हुए मैंने दिल्ली को देश के आर्थिक विकास इंजन के रूप में स्थापित करने और यहां एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स इको-सिस्टम बनाकर रोजगार पैदा करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन की घोषणा की थी। विशेष रूप से महिला कार्यबल के लिए ‘ग्रीन जॉब्स’ पैदा करने की एक बड़ी क्षमता के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र, केजरीवाल सरकार के ग्रीन,सस्टेनेबल और इक्विटेबल के विजन में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पहले से ही बहुत से महत्वपूर्ण स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स खपत मांग, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के साथ-साथ स्किल्ड मानव संसाधन जैसे कई सेवाएं प्रदान करता है। हमें यकीन है कि दिल्ली ईएसडीएमआर नीति के माध्यम से हम इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में विदेशी और घरेलू कंपनियों को दिल्ली में नए रिसर्च, डिजाइन, निर्माण और सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने में सक्षम होंगे। यह निश्चित रूप से दिल्ली की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगा। इसके अलावा इस क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विशेष रूप से महिला श्रमिकों के लिए व्यापक रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
नीति की सिफारिशें पेश करते हुए डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि डीडीसी द्वारा आज प्रस्तुत दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक सिटी का ब्लूप्रिंट पिछले 6 महीनों के गहन रिसर्च और परामर्श का परिणाम है। दिल्ली सरकार के पॉलिसी थिंक टैंक और एडवाजरी बॉडी के रूप में, डीडीसी यह सुनिश्चित करता है कि रिसर्च और स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय भागीदारी के साथ ही नीति के डिजाइन, निर्माण और कार्यान्वयन पर कार्य हो।
उन्होंने कहा, “दिल्ली की ईएसडीएमआर नीति 2022-27 के लिए डीडीसी द्वारा आज दिए गए सुझाव भी स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेंट, इंडस्ट्री विजिट और भारतभर के पॉलिसियों के विस्तृत तुलनात्मक विश्लेषण के बाद तैयार किए गए हैं। हमें विश्वास है कि यह नीति आने वाले वर्षो में दिल्ली को इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए वैश्विक डिजाइन और नवाचार केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।”