
जल जीवन मिशन के अंतर्गत ओडिशा और झारखंड को दिया केंद्र सरकार ने तोहफा
नई दिल्ली , 1 जनवरी (बीएनटी न्यूज़)। जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने ओडिशा को 830.85 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके साथ ही भारत सरकार ने झारखंड के लिए भी जल जीवन मिशन के अंतर्गत 9,544 करोड़ रुपए की जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2024 तक ओडिशा और झारखंड, दोनों ही राज्यों को ‘हर घर जल’ वाला राज्य बनाने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। दरअसल, ओडिशा के 85.67 लाख ग्रामीण परिवारों में से 35.37 लाख घरों में नल के पानी की आपूर्ति है। गांवों में नल से जलापूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जलापूर्ति का काम जोरों पर है। इस लक्ष्य को हासिल करने मकसद से ओडिशा के लिए बजटीय आवंटन में पूर्ववर्ती वर्ष में 812.15 करोड़ रुपए से 2021-22 में 3,323.42 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि की गई है।
ओडिशा में सभी विद्यालयों और आंगनबाडी केन्द्रों में पीने, मध्याह्न् भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए नल के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक ओडिशा में 36,372 स्कूलों (67 प्रतिशत) और 29,097 (54 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों को नल के पानी की आपूर्ति प्रदान की गई है।
भारत सरकार ने झारखंड के लिए भी जल जीवन मिशन के अंतर्गत 9,544 करोड़ रुपए की 315 जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं से राज्य के 4,424 गांवों में लगभग 8 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति की जाएगी।
दरअसल, 15 अगस्त 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, झारखंड में केवल 3.45 लाख (5.83 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी। 28 महीनों में, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के बावजूद, राज्य ने 6.73 लाख (11.38 प्रतिशत) घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया है। अभी तक राज्य के 59.23 लाख ग्रामीण परिवारों में से 10.18 लाख (17.20 प्रतिशत) परिवारों को उनके घरों में नल का पानी मिल रहा है।
इस वर्ष केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 2,479.88 करोड़ रुपए जो कि पिछले वर्ष के आवंटन से चार गुना अधिक है को स्वीकृति देते हुए 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए राज्य को पूर्ण सहायता का आश्वासन भी दिया। झारखंड को अब तक इस मद में 512.22 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के त्वरित क्रियान्वयन के लिए धन की कोई कमी नहीं हो। बजट राशि को बढ़ाते हुए बैठक में एनजेजेएम की टीम ने तेजी से कार्यान्वयन, प्रभावी सामुदायिक भागीदारी, किए गए कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उचित वित्त-पोषण के उपयोग के लिए प्रभावी निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया।
आपको बता दें कि, वर्ष 2019 में मिशन की शुरूआत में, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास नल के पानी की आपूर्ति थी। कोविड-19 महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, मिशन के शुभारंभ के बाद से 5.51 करोड़ (28.67 प्रतिशत) से अधिक घरों को नल के पानी की आपूर्ति प्रदान की गई है। वर्तमान में, 8.74 करोड़ (45.51प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से पीने योग्य पानी मिलता है।
गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, पुड्डुचेरी और हरियाणा ने बड़ी सफलता दर्ज करते हुए 100 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित कर दिया है। वर्तमान में 84 जिलों के प्रत्येक घर और 1.30 लाख से अधिक गांवों में नल से पानी की आपूर्ति हो रही है।