बीएनटी न्यूज, नई दिल्ली। अगले साल यानी 2018 और उसके बाद दुनिया के कई हिस्सों में बड़े भूकंप आ सकते हैं। यह चेतावनी वैज्ञानिकों ने दी है। हैरानी यह भी कि भूकंप को पृथ्वी के घूमने की स्पीड से जोड़ा जा रहा है, जो प्रति दिन कुछ मिली सेकंड कम हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों में सीधा संबंध है। ये उन लोगों खासकर नेताओं के लिए बुरी खबर है जो अपनी कई पीढिय़ासें के लिए गलत तरीके से बेसुमार दन-दौलत इकट्ठा करने में लगे हैं। अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्यादा सदमा ऐसे ही लोगों को लगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि भूकंप से जुड़े खतरों के लिए 5 या 6 साल पहले अडवांस वॉर्निंग दी जा सकती है और दिन की लंबाई इस बारे में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके जरिए डिजास्टर प्लानिंग की जा सकती है। हालांकि, रिसर्च में साफ तौर पर यह नहीं बताया गया है कि वे अगले साल से जिन भूकंपों के आने की बात कह रहे हैं वे किन क्षेत्रों में आ सकते हैं।
पिछली सदी की मिसाल
रेबेका और रोजर ने कहा कि पिछली सदी में 5 बार ऐसा हुआ जब 7 तीव्रता के भूकंप आए। हर बार इन भूकंप का संबंध पृथ्वी के घूमने की रफ्तार से जुड़ा पाया गया। हालांकि, कई बार छोटे दिन होने पर इनमें कमी भी देखी गई। इन साइंटिस्ट्स के मुताबिक, पृथ्वी के किनारों में होने वाले छोटे बदलाव भी भूकंप से जुड़े हो सकते हैं।
दो यूनिवर्सिटीज का रिसर्च
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के रोजर बिल्हम और यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटाना की रेबेका बेंडिक ने रिसर्च किया है। जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका को पूरी डिटेल भेज दी गई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि पृथ्वी के घूमने की रफ्तार में कमी के चलते अंडरग्राउंड एनर्जी को बाहर आने मदद मिलेगी।