नई दिल्ली, (आईएएनएस)| एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में कोई कोटा नहीं है, लेकिन कई खिलाड़ियों के लिए उपमहाद्वीप का यह टूर्नामेंट टोक्यो ओलंपिक-2020 के तैयारी के लिए प्रतिस्पर्धा से खाली नहीं है और उनमें से ही एक हैं जितेंद्र कुमार।
जितेंद्र का एशियाई चैम्पियनशिप में क्वालीफिकेशन कुछ बदलावों से गुजरा है। अगर वह पदक जीतने में सफल रहते हैं तो वह एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की रेस में बने रहेंगे और ऐसे में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का टोक्यो जाने का रास्ता लगभग बंद हो जाएगा।
सुशील को लेकर जितेंद्र ने आईएएनएस से कहा, “वह हमारे खेल के महान खिलाड़ी हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। वह मेरे सीनियर हैं।”
74 किलोग्राम भारवर्ग में ये दोनों खिलाड़ी खेलते हैं और इसी कारण कई बार आमने-सामने होते हैं। विश्व चैम्पियनशिप से पहले हुई ट्रायल्स में ये दोनों मैट पर भिड़े थे, जहां सुशील ने जितेंद्र को हरा दिया था। इस मुकाबले में हालांकि सुशील पर गलत तरीके से खेलने के आरोप लगे थे।
एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के लिए हुई ट्रायल्स में हालांकि जितेंद्र ने सुशील को हरा इसका बदला लिया, लेकिन यहां एक तरह से बुरी खबर उनके सामने थी। पहले कहा गया था कि इन ट्रायल्स को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के ट्रायल्स की भी मान्यता है, लेकिन बाद में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर एशियाई चैम्पियनशिप में खिलाड़ियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहता है तो एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर से पहले दोबारा ट्रायल्स का आयोजन किया जाएगा।
जितेंद्र ने कहा कि उनकी सुशील से किसी तरह की कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है।
उन्होंने कहा, “खेल में हार-जीत आम बात है और मैं इसे निजी तौर पर नहीं लेता। ऐसा दिखाया गया कि हम दोनों के बीच में दुश्मनी सी है लेकिन इस तरह का कुछ भी नहीं है। वह जहां भी चाहें खेल सकते हैं। मैं उन्हें प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखता हूं। उनके लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान है।”
जितेंद्र का कहना है कि एशियाई चैम्पियनशिप में वह यह देखना चाहते हैं कि वो कहां खड़े हैं।
उन्होंने कहा, “ओलंपिक में जाने का लक्ष्य हमेशा रहता है। इस तरह के टूर्नामेंट हमें समझने में मदद करते हैं कि हम कितने तैयार हैं। आपको पता चलता है कि आपको कहां सुधार करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “इस टूर्नामेंट में अच्छा करने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं। बाकी देखते हैं कि टूर्नामेंट कैसा रहता है। 74 किलोग्राम भारवर्ग काफी प्रतिस्पर्धी है। जो भी टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करता है वो अच्छा ही होता है। मैं नहीं जानता कि किसका सामना करना मुश्किल होगा और किसका नहीं। यह निर्भर करता है कि मैट पर क्या होगा। मैं अजरबैजान में अभ्यास कर रहा था और मुझे लगता है कि मेरे खेल में सुधार हुआ है।”
एशियाई चैम्पियनशिप की शुरुआत मंगलवार से हो चुकी है और रविवार तक चलेगी और इसी दिन जितेंद्र मैट पर उतरेंगे।