
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर बेहद सधी हुई कार्रवाई की है। भारतीय खेल जगत ने भी देशवासियों के साथ सेना के पराक्रम की सराहना की है। सेना ने यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की, जो 6 और 7 मई की रात को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों के शिविरों को नष्ट किया। इसमें न तो पाकिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया गया और न ही पाकिस्तानी नागरिक को। यह भारत की सटीकता, संयम और जिम्मेदारी का स्पष्ट संकेत था। इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘जय हिंद’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
बॉक्सर गौरव बिधूड़ी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “जब हम अपने घरों में सो रहे थे, तब हमारी सेना ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दे रही थी। जो लोग कहते थे ‘पीएम मोदी हमला करो’, उन्हें अब जवाब मिल गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “घर में बैठकर सलाह देना आसान काम है। लेकिन सच यह है कि इस तरह के सैन्य अभियानों के लिए ठोस और सटीक रणनीति की जरूरत होती है, जिसमें संभावित परिणामों का भी आकलन किया जाता है। हमारी सेना ने इसके लिए अपना समय लिया, पूरी योजना बनाई और जोरदार प्रहार किया। 8-9 आतंकी ठिकानों को एक साथ निशाना बनाया गया। अब तो सबूत की जरूरत नहीं रह गई। सब कुछ साफ दिखाई दे रहा है। आज पूरा देश सेना और नेतृत्व के साथ खड़ा है। यह केवल बदला नहीं, बल्कि न्याय है। यह एक साफ संदेश है कि भारत पर हमला करने वालों को जवाब मिलेगा। जय हिंद!”
वहीं, ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान बजरंग पूनिया ने भी आईएएनएस से कहा, “मैं अपनी सेना पर गर्व करता हूं। उन्होंने मेरे भाई की शहादत का न्याय दिलाया है। इस तरह बाकी परिवारों को भी थोड़ी राहत मिली होगी और पूरे देश को गर्व है। देश की सुरक्षा पर हमें एकजुट रहना चाहिए। यह राजनीति का विषय नहीं है। यह ऑपरेशन एक चेतावनी की तरह है कि भारत के ऊपर किसी तरह के हमले का जवाब पूरी ताकत के साथ दिया जाएगा।”
वहीं, बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा- “भारत माता की जय।”
बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी सोशल मीडिया पर “जय हिंद” लिखकर सेना को सलामी दी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान गहरी खुफिया जानकारी के आधार पर तैयार किया गया था। इसका मकसद बिना किसी बड़े सैन्य टकराव के आतंकियों के ढांचे को खत्म करना था।