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तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने राज्य के लोगों से की जनसंख्या बढ़ाने और परिसीमन के खिलाफ एकजुट होने की अपील

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अपडेटेड 03 मार्च 2025, 11:49 PM IST
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने राज्य के लोगों से की जनसंख्या बढ़ाने और परिसीमन के खिलाफ एकजुट होने की अपील
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बीएनटी न्यूज़

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य के नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक बच्चे पैदा करें, ताकि राज्य में जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का परिसीमन होने पर राज्य को होने वाले संभावित नुकसान से बचा जा सके।

अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर स्टालिन ने इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि अगर जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटों का सीमांकन किया जाता है, तो तमिलनाडु को आठ सीटों का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 39 लोकसभा सीटें हैं, जो परिसीमन के बाद घटकर 31 हो सकती हैं।

इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने फिर से अपने बयान पर जोर देकर कहा कि राज्य की जनसंख्या को बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए उन्होंने राज्य के नागरिकों से अपील की कि वे ज्यादा बच्चों को जन्म दें, ताकि राज्य की संसदीय सीटों की संख्या बरकरार रहे।

इसके अलावा, स्टालिन ने त्रिभाषा नीति पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्कूली छात्रों के लिए धन मुहैया कराने के लिए त्रिभाषा नीति लागू कर रही है, लेकिन तमिलनाडु ने अपनी सफलता के लिए दो-भाषा नीति को अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु ने अपनी मातृभाषा तमिल के साथ-साथ अंग्रेजी को सीखकर प्रगति की है, जबकि हिंदी की बजाय अंग्रेजी को अपना कर राज्य ने दुनिया से संवाद स्थापित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु ने हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ आवाज उठाई है और अब उत्तरी राज्यों से भी इसे समर्थन मिल रहा है।

सीएम स्टालिन ने यह भी स्पष्ट किया कि तमिलनाडु की विशेषता को कुछ लोग नकारते हैं, लेकिन राज्य ने विज्ञान, तकनीकी और गणित में अपनी सफलता का रास्ता अपने शिक्षा पद्धतियों के माध्यम से ही प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंदी का बढ़ता हुआ प्रभुत्व कुछ लोगों के सामाजिक वर्चस्व को स्थापित करने के लिए किया जा रहा है। उनका कहना था कि अगर तमिलनाडु ने हिंदी को प्राथमिक भाषा के रूप में अपनाया होता तो राज्य की सफलता को वह ऊंचाई नहीं मिल पाती जो वर्तमान में है।

सीएम स्टालिन ने सीमांकन की प्रक्रिया पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार की मंशा तमिलनाडु के अधिकारों को छीनने की है। उन्होंने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया के कारण राज्य का संसद में प्रतिनिधित्व कम हो सकता है, जिससे तमिलनाडु की आवाज़ दब सकती है। उन्होंने इसे तमिलनाडु के अधिकारों पर हमला करार दिया और इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तमिलनाडु की आवाज़ को एकजुट करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें सभी पंजीकृत दलों को आमंत्रित किया गया है और कई दलों ने इसमें भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है।

स्टालिन ने जनता से फिर से अपील की कि वे अपने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर तमिलनाडु के हित में एकजुट हों और परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ एक आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारों को बचाने और उन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए लोगों का समर्थन बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि एक मजबूत और समृद्ध तमिलनाडु बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है, और केवल एकजुट होकर ही राज्य के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।

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