
बीएनटी न्यूज़
शिमला। हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य में नशे के बढ़ते कारोबार पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नशे की ओवरडोज के कारण पिछले 15 दिनों में चार युवकों की मौत हो चुकी है, जो एक गंभीर समस्या बन गई है।
जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिसके कारण युवा नशे के दलदल में फंस रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया है, जिसके बाद नशे की तस्करी उन इलाकों में भी फैलने लगी है, जहां आम आदमी का पहुंचना मुश्किल है।
उन्होंने बताया कि पहले जब नशा तस्कर पकड़े जाते थे तो वे दूसरे राज्यों में भाग जाते थे, लेकिन अब यह तस्करी राज्य के हर कोने में फैल रही है। जयराम ठाकुर ने पुलिस को बॉर्डर क्षेत्रों में सख्ती से काम करने की सलाह दी, ताकि नशे का कारोबार रोका जा सके। राज्य सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने में नाकाम रही है, जो एक बड़ी समस्या बन गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से, जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी है, प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का दौर शुरू हुआ है। इस बदलाव के बाद, हिमाचल की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पहले जहां हिमाचल प्रदेश को “देवभूमि” के रूप में पूरे देश और दुनिया में जाना जाता था। आज नशे की समस्या इतनी बढ़ गई है कि इसे “उड़ता पंजाब” की तरह “रेंगता हिमाचल” कहा जा रहा है। यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से भी हिमाचल प्रदेश संकट की ओर बढ़ रहा है, लेकिन मैं नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर बात करना चाहता हूं, जो खासकर नौजवानों के बीच बर्बादी का कारण बन रही है। जब हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी, तो मैंने पहली बार गृह विभाग का रिव्यू लिया। उस दौरान नशे के कारोबार से संबंधित एक आंकड़ा सामने आया। उस आंकड़े में जो गिरफ्तारी हुई थी, उनमें अधिकतर लोग हिमाचल के रहने वाले नहीं थे, बल्कि वे पड़ोसी राज्यों से आए थे।
उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने अधिकारियों से पूछा कि बाहर के लोग हिमाचल में नशे का कारोबार क्यों कर रहे हैं, तो पता चला कि वे हिमाचल में नशा लाने का काम करते थे। इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, लेकिन यह समस्या सिर्फ हिमाचल तक सीमित नहीं थी। पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर एक रणनीति बनाने का विचार किया गया, ताकि नशे के तस्करों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया जा सके। हमने पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग की और एक संयुक्त रणनीति बनाई, जिसमें इन राज्यों के बीच खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान भी शामिल था।