
बीएनटी न्यूज़
बरेली। हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए हालिया बयानों की चौतरफा आलोचना हो रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी शनिवार को उनकी निंदा की।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “प्रोफेसर महमूदाबाद के बयान का मैं समर्थन नहीं करता हूं। इसकी निंदा करता हूं। उन्हें अपनी मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी के बाद देश में जो हालात बने, हमारी फौज ने जो किरदार अदा किया, उसमें सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह पल-पल की खबरें और जानकारियां पूरे देश को दे रही थीं। ऐसे हालात में समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने फौज की तौहीन की। लेकिन अब तक समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया है। उन्हें सबसे पहले महासचिव पद से हटाना चाहिए और फिर पार्टी से निकालना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अशोका विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर अखिलेश यादव मुकम्मल तौर पर चुप्पी साधे रहे। उनका यह नजरिया सिर्फ मुसलमानों का वोट लेने के लिए है। उन्हें मुसलमानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। प्रोफेसर की गिरफ्तारी हुई, उसके बाद उनकी रिहाई भी हुई, लेकिन अखिलेश यादव पूरी तरह से इस प्रकरण से गायब रहे। वह बंद कमरे में बैठकर ‘एक्स-एक्स’ खेलते हैं, लेकिन प्रोफेसर महमूदाबाद के प्रकरण पर एक्स खेलने का भी मौका नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अली खान के मामले की पैरवी की।