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कांग्रेस-भाजपा सांसदों का आरोप, ‘सीएम मान ने किसानों को घर बुलाकर दिया धोखा’

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अपडेटेड 21 मार्च 2025, 9:47 AM IST
कांग्रेस-भाजपा सांसदों का आरोप, ‘सीएम मान ने किसानों को घर बुलाकर दिया धोखा’
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। किसानों पर पंजाब सरकार की कार्रवाई के बाद भाजपा और कांग्रेस के सांसदों ने राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इसे “देश के अन्नदाताओं का अपमान” बताया है, तो भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने “नक्सली मानसिकता” करार दिया है।

इमरान मसूद ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में बीएनटी न्यूज़ से कहा, “यह देखना बहुत दुखद है कि हमारे देश के अन्नदाता किसानों का अपमान किया जा रहा है और उन्हें पीटा जा रहा है। इतना ही नहीं, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं और ध्यान भटकाने के लिए पूरे देश में नफरत फैलाई जा रही है। देश में 2,600 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन उस पर बात नहीं की जाएगी। महाराष्ट्र में युवा लगातार पलायन कर रहा है और वहां के जिस किसान को सर्वोच्च किसानी का अवॉर्ड मिला था, उसने भी आत्महत्या कर ली। इन सब पर बात नहीं की जाएगी, इधर-उधर के मामले पर बात होगी। मुझे लगता है कि यह देश के लिए घातक है।”

राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “पंजाब पुलिस का आचरण किसान विरोधी है। उन्होंने विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसानों का शोषण किया। किसानों ने विश्लेषण किया है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रमुख कृषि लाभ जैसे पीएम-किसान फंड, यूरिया खाद, खेती के उपकरण, ऋण और फसल बीमा प्रदान किए जा रहे हैं, जबकि राज्य सरकार केवल खोखले वादे करती है। किसानों को लगता है कि उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है। हालांकि, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पंजाब सरकार की कठोर कार्रवाई उनकी शहरी नक्सली मानसिकता को दर्शाती है। उनके विधायक, अधिकारी, और यहां तक कि जनता भी उनकी बात नहीं सुन रही है, जिससे अराजक शासन की तरफ पंजाब चल रहा है। यह हताशा उन्हें नियंत्रण बनाए रखने के लिए बल और जबरदस्ती का सहारा लेने पर मजबूर कर रही है।”

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा, “किसानों की मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं। हमारा कहना है कि अगर उनकी मांगें केंद्र सरकार के पास हैं तो उन्हें उनके सामने रखा जाना चाहिए। पंजाब को ब्लॉक करने या वहां बैठने से उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी। हम उनकी बहुत सारी मांगों से सहमत हैं, लेकिन वहां बैठने से ये मांगें पूरी नहीं हो रही हैं। इससे छोटे-छोटे किसान, व्यापारी और स्थानीय लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ रहा है। बड़ी बात यह है कि अगर मांग केंद्र सरकार से है तो जगह भी उसी हिसाब से तय होनी चाहिए। अगर केंद्र सरकार सहमत है तो समस्या आज ही समाप्त हो जाएगी। मगर केंद्र सरकार चाहती है कि पंजाब में अस्थिरता बनी रहे। केंद्र पंजाब को अस्थिर करके अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है और वही हालत कांग्रेस की है।”

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, “किसान नेताओं को घर बुलाकर धोखा दिया गया। किसी को हिरासत में लेना और धोखा देना दो अलग-अलग बातें हैं। उन्हें बैठक के लिए घर बुलाना और फिर उन्हें गिरफ्तार करना विश्वासघात, बेईमानी और धोखा है।”

पंजाब सीमा से किसानों को हटाने पर कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “बैठक में बुलाकर जिस तरह से उन्हें (किसान नेताओं को) गिरफ्तार किया गया, वह तरीका गलत है। जब समझौतों की बात होती है तो वहां कोई झगड़ा नहीं किया जाता बल्कि बैठक में बुलाकर किसी को गिरफ्तार करो, यह गलत है और मैं इसकी निंदा करता हूं।”

उन्होंने कहा, “पंजाब में आम आदमी पार्टी और भाजपा मिलकर माहौल खराब कर रही है। कहीं बुलडोजर चल रहे हैं, तो कहीं जबरन वसूली हो रही है। पंजाब में हालात बिगड़ गए हैं। पिछले तीन साल में नशाखोरी काफी बढ़ गई है और अचानक वे दावा करते हैं कि उन्हें सब समझ आ गया है। हम बार-बार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, उन्हें आगाह करते रहे हैं कि पंजाब में हालात बिगड़ रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। भगवंत मान कहते हैं कि वह किसानों के साथ खड़े हैं। यदि ऐसा है तो हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाए, जो दिल्ली जाना चाहते हैं। हम इस बात से सहमत हैं कि सड़कें बंद नहीं होनी चाहिए, लेकिन किसान नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान को चुनौती देता हूं कि वह किसानों को दिल्ली लाकर रिहा करें।”

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