
बीएनटी न्यूज़
मुंबई। स्टैंड अप कमीडियन कुणाल कामरा के समर्थन में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कामरा के चुटकुलों को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मान्यता देने की मांग की गई है, जो वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
याचिका में यह दावा किया गया है कि कुणाल कामरा के चुटकुले व्यंग्य राजनीतिक आलोचना के दायरे में आते हैं, और इनका उद्देश्य किसी प्रकार की नफरत या दुश्मनी फैलाना नहीं, केवल व्यंग्यात्मक था।
यह याचिका कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र हर्षवर्धन खांडेकर ने एडवोकेट आदित्य कटारनवरे के माध्यम से दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कुणाल कामरा के चुटकुले संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आते हैं और उन्हें एक अभिनेता के रूप में अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि कामरा के चुटकुले किसी भी हिंसा, नफरत या असहमति को बढ़ावा नहीं देते, बल्कि वे समाज में हास्य और विचारों की विविधता को बढ़ावा देते हैं।
इसके अलावा, याचिका में खार स्थित हैबिटेट स्टूडियो के खिलाफ की गई नगरपालिका की कार्रवाई को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नगरपालिका ने स्टूडियो को कब्जे में लेकर एक पक्षपातपूर्ण निर्णय लिया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस निर्णय में नगरपालिका अधिकारियों ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया और इस कार्रवाई को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए।
याचिका में मांग की गई है कि खार स्थित हैबिटेट स्टूडियो के खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए और नगर निगम द्वारा इस तरह के चयनात्मक निर्णय को सही ठहराने की जिम्मेदारी उन अधिकारियों पर डाली जाए, जिन्होंने यह फैसला लिया।