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रांची। ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाले रघुवर दास जनवरी के पहले हफ्ते में भाजपा की सदस्यता लेंगे। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, लेकिन नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण तक उन्हें कार्यवाहक राज्यपाल के रूप में बने रहने को कहा गया है। इस दायित्व से मुक्त होने के बाद ही वह औपचारिक तौर पर भाजपा में शामिल होंगे।
रघुवर दास ने शुक्रवार को अपने आवास पर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से राज्यपाल का पद छोड़ा है। वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि भाजपा ने उन जैसे साधारण कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे संवैधानिक दायित्व दिए। ऐसा केवल भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है। भाजपा के प्राण इसके साधारण कार्यकर्ता हैं।
रघुवर दास ने कहा कि वह फिलहाल किसी राजनीतिक विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। वह आधिकारिक तौर पर कार्यवाहक राज्यपाल के दायित्व से मुक्त होकर भाजपा की सदस्यता लेने के बाद ही राजनीति पर कोई चर्चा करेंगे।
खुद को मूल रूप से संगठन का व्यक्ति बताते हुए रघुवर दास ने कहा कि पार्टी के हर आदेश-निर्देश का पालन करना अपना धर्म समझते हैं। 1980 में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। पार्टी ने मेरी निष्ठा, विचारधारा एवं नीतियों के प्रति समर्पण और संघर्ष को देखते हुए जिस मुकाम तक पहुंचाया, उससे अभिभूत हूं। अंतिम इच्छा है कि इस दुनिया से जब विदा होने की बारी आए तो भाजपा का झंडा साथ हो।
उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल के तौर पर अपने 14 महीने के अनुभव को बेहद सुखद बताया। उन्होंने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से उनके धाम में इतने दिनों तक रहा और अब वहां से लौटने के पहले भी मैंने भगवान से आशीर्वाद मांगा है कि अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि की सेवा कर सकूं।