
बीएनटी न्यूज़
रांची। हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत स्टेडियम में पार्टी के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन में करीब चार हजार प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से उन्हें पार्टी का नया प्रमुख चुना गया।
पूरे 38 वर्ष तक पार्टी के अध्यक्ष रहे शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी अब पार्टी के संस्थापक संरक्षक होंगे।
हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधानसभा सीट की विधायक कल्पना सोरेन जेएमएम की केंद्रीय समिति की सक्रिय सदस्य बनाई गई हैं। केंद्रीय समिति में कुल 289 लोगों को शामिल किया गया है।
हेमंत सोरेन वर्ष 2015 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। महाधिवेशन में पार्टी ने अपने संविधान में संशोधन पारित कर कार्यकारी अध्यक्ष का पद विलोपित कर दिया है।
इसके बाद 38 साल तक पार्टी के अध्यक्ष रहे शिबू सोरेन ने स्वयं हेमंत सोरेन को नया अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने ध्वनिमत से सहमति दी।
शिबू सोरेन पिछले कुछ वर्षों से अस्वस्थ चल रहे हैं। उनके पुत्र हेमंत सोरेन उन्हें उनके आवास से खुद व्हीलचेयर पर लेकर महाधिवेशन स्थल पर पहुंचे।
एक दशक से व्यावहारिक तौर पर पार्टी की कमान हेमंत सोरेन के हाथ में ही है। उनके नेतृत्व में महागठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा माले) ने वर्ष 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर झारखंड में सरकार बनाई। अब वह औपचारिक तौर पर पार्टी के प्रमुख बन गए हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना 1972 में हुई थी और पार्टी का पहला महाधिवेशन 1983 में धनबाद में आयोजित हुआ था।
शिबू सोरेन पहली बार 1987 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे और तब से लेकर लगातार इस पद पर निर्विरोध चुने जाते रहे। वह 18 दिसंबर, 2021 को पार्टी के 12वें महाधिवेशन में लगातार दसवीं बार अध्यक्ष चुने गए थे।
केंद्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि हम झामुमो की विरासत को और ऊंचाई तक लेकर जाएंगे। उन्होंने शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने पार्टी को एक आंदोलन के रूप में स्थापित किया और अब इसे राष्ट्रीय मंच पर ले जाने की जिम्मेदारी उनकी है।