![झारखंड में जेपीएससी से नौकरी लेना एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने से मुश्किल काम : प्रदर्शनकारी युवा](https://bntonline.in/wp-content/uploads/2025/02/202502113325389.jpg)
बीएनटी न्यूज़
रांची। झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) के चेयरमैन का पद छह महीने से रिक्त है। इस वजह से राज्य में विभिन्न स्तरों पर रिक्त हजारों पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया थम गई है। कई परीक्षाएं भी अधर में लटक गई हैं। परीक्षाओं की तैयारी और रिजल्ट का इंतजार कर रहे परीक्षार्थी हताश हैं। इसे लेकर अब युवाओं का सब्र टूटने लगा है।
मंगलवार को रांची में जेपीएससी कार्यालय के समक्ष बड़ी संख्या में जुटे युवाओं ने अपने हाथों और माथे पर काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर काफी देर तक नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने कहा कि झारखंड में जेपीएससी से नौकरी लेना एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने से मुश्किल काम हो गया है। हेमंत सोरेन सरकार राज्य की साढ़े तीन करोड़ की आबादी के बीच से जेपीएससी का एक चेयरमैन नहीं चुन पा रही है, तो यह उन लोगों का अपमान है, जिन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार को दोबारा चुना है।
एक अभ्यर्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भले ही अपने घर के किसी सदस्य को ही जेपीएससी का अध्यक्ष बना दें, लेकिन इस तरह एक संवैधानिक संस्था को अधर में लटकाकर न रखें।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने राज्य में नियुक्ति परीक्षाओं के लंबित रिजल्ट अविलंब जारी करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं ने कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन इस सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार नियुक्तियों की परीक्षाएं इसी तरह लटकाकर रखेगी, तो राज्य के युवा गलत राह पर चलने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. मेरी नीलिमा केरकेट्टा 22 अगस्त 2024 को रिटायर हुईं। इसके बाद से ही पद खाली पड़ा है। लगभग 1,700 पदों पर नियुक्तियों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, लेकिन अध्यक्ष नहीं रहने से रिजल्ट जारी नहीं हो पा रहा है।
झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा जून 2024 में हो गई थी और सफल अभ्यर्थियों का अगस्त महीने में साक्षात्कार होना था। यह प्रक्रिया अब तक रुकी पड़ी है।
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है। अदालत ने दिसंबर 2024 में सुनवाई के दौरान कहा था कि यह मामला सैकड़ों अभ्यर्थियों की नियुक्तियों से जुड़ा है, इसलिए सरकार अध्यक्ष पद पर जल्द से जल्द नियुक्ति करे। अदालत के निर्देश के बाद भी सरकार इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है।