
बीएनटी न्यूज़
पटना। जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया। हालांकि, यह रैली उतनी सफल नहीं हो पाई। रैली में लाखों लोगों की भीड़ जुटने का दावा किया गया था, लेकिन मैदान में कम संख्या में लोग पहुंचे। प्रशांत किशोर ने इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर हम विफल हुए हैं, तो इसके पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हाथ है। सरकार ने जानबूझकर लोगों को गांधी मैदान पहुंचने से रोका। प्रशासन ने रैली में आ रही गाड़ियों को रास्ते में रोक दिया, जिससे बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। लाखों लोग आना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोका गया। यह प्रशांत किशोर की नाकामी नहीं है, यह सरकार की साजिश है।
उन्होंने रैली में पहुंचे लोगों से अपील की कि लालू यादव के जंगलराज की तरह नीतीश कुमार के अफसर राज को उखाड़ने का संकल्प लीजिए। उन्होंने प्रशासन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने पिछली बार कहा था कि प्रशासन पर केस करेंगे तो आकर समझौता किया था कि हमारी क्या गलती है। आज फिर प्रशासन ने धोखा दिया है, इनको सबक सिखाएंगे।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वह (पीके) नहीं होते, तो नीतीश कुमार 2015 के बाद फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन पाते। 2015 में हम मदद नहीं किए होते तो आज नीतीश कुमार कहीं संन्यास लेकर बैठे होते। आज होशियार बन रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि गांव में कहा जाता है कि जो पंडित शादी करवाता है, वही श्राद्ध भी करता है। मैंने नीतीश कुमार की राजनीतिक पारी को एक बार बचाया था, अब उसका अंत करने की जिम्मेदारी भी मेरी ही होगी।
उन्होंने ऐलान किया कि 10 दिनों बाद वह पटना से पूरे राज्य की यात्रा पर निकलेंगे और जनता के बीच जाकर जनसुराज आंदोलन को और तेज करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि नवंबर में जनता नीतीश कुमार से उनके शासन का पूरा हिसाब लेगी और इसमें जनसुराज पार्टी एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।