बीएनटी न्यूज़
अरवल। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को हिरासत में लिए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा परीक्षा हो भी जाए तो इन अभ्यर्थियों को कोई लाभ नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा कि पहले ही सीटों को बेच दिया गया है। 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला करके पहले ही सीटों को बेचा गया है।
अरवल में किसान महापंचायत को संबोधित करने पहुंचे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जब मैं अनशन पर बैठा था तब से कह रहा हूं कि बिहार लोक सेवा आयोग की ज्यादातर सीटों को पहले ही बेच दिया गया है। यह 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया गया है। 30 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपए में सीटों को बेचा गया है।
उन्होंने कहा कि हम बच्चों के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं ताकि परीक्षा रद्द हो जाए। शुक्रवार को इस मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई भी है। लेकिन, परीक्षा रद्द भी हो जाए तो बच्चों के साथ न्याय नहीं होगा, क्योंकि सीट पहले ही बेच दी गई है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में यह कोई पहली परीक्षा नहीं है, जिसका पेपर आउट हुआ हो, पिछले कुछ सालों में जो भी परीक्षा हुई, उनमें ज्यादातर परीक्षाओं में पेपर लीक हुआ है। नीतीश सरकार ने पेपर लीक में शामिल एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है। इसकी जगह सरकार ने बच्चों पर लाठियां बरसाई हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब नीतीश कुमार को वोट से चोट देनी होगी। लाठी की चोट पांच-छह दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन वोट की चोट पांच साल तक रहती है।