बीएनटी न्यूज़
पुडुचेरी। पुडुचेरी विधानसभा में सोमवार सुबह 9:30 बजे शुरू हुई बैठक में उस समय हंगामा मच गया, जब विपक्षी डीएमके और कांग्रेस के सदस्यों ने धरना दिया। यह सब तब शुरू हुआ जब सीबीआई ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता दीनदयालन और अन्य अधिकारियों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की और लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री लक्ष्मीनारायणन से इस्तीफे की मांग उठाई। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीच में धरना शुरू कर दिया।
विपक्ष के नेता आर. शिवा ने कहा कि दीनदयालन को कराईकल में 7 करोड़ रुपये के ठेके के लिए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। उन्होंने इसे पुडुचेरी सरकार के लिए शर्मिंदगी करार दिया। शिवा के साथ डीएमके के उपनेता नाजिम, सदस्य अनिपॉल कैनेडी, सेंथिलकुमार, संपत, नागा त्यागराजन और कांग्रेस नेता वैद्यनाथन, रमेश परमपत ने धरने में हिस्सा लिया।
अध्यक्ष ने सुरक्षाकर्मियों को आदेश दिया कि धरने में शामिल सदस्यों को बाहर निकाल दें। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने सभी को बलपूर्वक सदन से बाहर कर दिया, जिससे कुछ देर के लिए सदन में अफरा-तफरी मच गई।
बाद में शिवा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह गिरफ्तारी पुडुचेरी के लोगों के लिए झटका है। कराईकल के एक ठेके में इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। दीनदयालन के कार्यकाल के सभी कामों की जांच होनी चाहिए। हमने विधानसभा में इस पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन अध्यक्ष ने इजाजत नहीं दी। वे सत्तारूढ़ दल के साथ हैं, इसलिए हमारी बात नहीं सुनी गई। हमें बाहर निकाल दिया गया।”
शिवा ने आगे कहा कि मुख्य अभियंता के दफ्तर को सील कर दिया गया है, जिससे पीडब्ल्यूडी का सारा काम ठप हो गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि अब विधानसभा में इस विभाग से जुड़े सवालों का जवाब कौन देगा।
विपक्ष ने मांग की कि मंत्री लक्ष्मीनारायणन को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। शिवा ने कहा, “सरकार इस मामले पर चुप है। जनता का पैसा लूटा जा रहा है और सरकार सख्त कदम उठाने में नाकाम रही है। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक इस मामले में न्याय नहीं मिल जाता।”