BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   मंगलवार, 13 मई 2025 04:21 PM
  • 42.03°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
  2. आदमपुर एयरबेस पहुंचकर पीएम मोदी ने पाकिस्तान के दावे की निकाली हवा
  3. सीबीएसई ने जारी किया कक्षा 12 का रिजल्ट, लड़कियों ने फिर मारी बाजी
  4. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला
  5. 17 मई से फिर शुरू होगा आईपीएल, फाइनल 3 जून को
  6. डीजीएमओ हॉटलाइन वार्ताः पाकिस्तान बोला एक भी गोली नहीं चलाएंगे, शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे
  7. भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ ने की हॉट लाइन पर बात
  8. भारत-पाक तनाव पर ट्रंप ने कहा, ‘हमने परमाणु संघर्ष को रोका, नहीं तो लाखों लोग मारे जाते’
  9. ‘पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे थे आतंक के आका, भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया’
  10. ऑपरेशन सिंदूर : प्रधानमंत्री मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे
  11. सुंदर कांड की चौपाई ‘भय बिनु होय ना प्रीति’ सुना एयर मार्शल ने पाकिस्तान को दी नसीहत
  12. जरूरत पड़ने पर हर मिशन के लिए तैयार, भर चुका था उनके पाप का घड़ा : भारतीय सेना
  13. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा- जीवन भर याद रहेगी इस प्रारूप से मिली सीख
  14. आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ को बताया ‘फैमिली मैन’, एक बार फिर हुआ पाकिस्तानी सेना का झूठ बेनकाब
  15. भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुआ राफेल का इस्तेमाल : संबित पात्रा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व सेबी प्रमुख और 5 अन्य के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश पर लगाई रोक

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 04 मार्च 2025, 3:22 PM IST
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व सेबी प्रमुख और 5 अन्य के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश पर लगाई रोक
Read Time:3 Minute, 12 Second

बीएनटी न्यूज़

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को विशेष अदालत के उस आदेश पर चार सप्ताह की रोक लगा दी, जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।

विशेष अदालत ने शेयर बाजार में धोखाधड़ी और विनियामक उल्लंघन के आरोपों के बाद एफआईआर का आदेश जारी किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि आदेश विवरणों की उचित जांच किए बिना और अभियुक्तों की विशिष्ट भूमिकाएं बताए बिना जारी किया गया था।

न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे ने अपने फैसले में कहा कि विशेष अदालत के 1 मार्च के फैसले में “मामले की बारीकियों पर गौर नहीं किया गया और न ही अभियुक्तों द्वारा गलत काम किए जाने की स्पष्ट पहचान की गई।”

बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला बुच और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं के बाद आया है, जिनमें सेबी के तीन वर्तमान निदेशक अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय और बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ राममूर्ति और पूर्व अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल शामिल थे।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि विशेष अदालत का आदेश अवैध और मनमाना था और उन्होंने इसे रद्द करने की मांग की।

सेबी ने अपने बयान में एसीबी अदालत में दायर आवेदन की आलोचना करते हुए इसे छोटा मामला बताया था और इस बात पर प्रकाश डाला कि इसमें शामिल अधिकारी कथित घटनाओं के समय अपने पदों पर नहीं थे।

सेबी ने आगे दावा किया कि यह आवेदन एक “आदतन वादी” द्वारा किया गया था और इस बात पर जोर दिया कि एसीबी कोर्ट के आदेश ने उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी।

विशेष अदालत का मानना ​​था कि नियामक चूक और संभावित मिलीभगत की ओर इशारा करने वाले प्रथम दृष्टया सबूत थे और इस कारण अदालत की निगरानी में निष्पक्ष जांच करने का आदेश दिया था।

इसके जवाब में बॉम्बे हाई कोर्ट ने विशेष अदालत के आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिससे आगे की कानूनी कार्रवाई करने से पहले मामले की जांच करने के लिए और समय मिल गया है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *