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योगी सरकार छह जिलों में मूक-बधिर विद्यालयों का कायाकल्प कर रही

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अपडेटेड 04 मार्च 2025, 8:04 PM IST
योगी सरकार छह जिलों में मूक-बधिर विद्यालयों का कायाकल्प कर रही
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बीएनटी न्यूज़

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां दिव्यांगों की उच्च शिक्षा के लिए दो समर्पित विश्वविद्यालय कार्यरत हैं। इसके साथ ही, 25 बचपन केयर सेंटरों के माध्यम से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

सरकार दिव्यांगजनों के लिए नए शिक्षण सत्र से पहले छह जिलों में संचालित मूक-बधिर विद्यालयों का व्यापक कायाकल्प कर रही है। इन प्रयासों से दिव्यांगजनों को शिक्षा और प्रशिक्षण की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

योगी सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेष विद्यालयों और प्रशिक्षण केंद्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण धनराशि स्वीकृत की है। इस पहल के तहत समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय, प्रतापगढ़ के संचालन हेतु फर्नीचर, उपकरण और बर्तन आदि की खरीद के लिए 148.91 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह, संकेत मूक-बधिर बालकों के लिए राजकीय इंटर कॉलेज, सोनभद्र को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए 130.69 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नवीन मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हेतु 96.26 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है।

इसके अतिरिक्त, संकेत राजकीय मूक-बधिर विद्यालय, गोरखपुर में बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए 130.69 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि चंदौली में नवनिर्मित ममता राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय को संचालन योग्य बनाने हेतु 123.22 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

वहीं, संकेत मूक-बधिर बालिकाओं के लिए राजकीय इंटर कॉलेज, कुशीनगर में सुविधाओं के विस्तार और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 130.69 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन वित्तीय स्वीकृतियों से विशेष जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।

प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में दिव्यांग छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के दो विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जो पूरे देश में एक मिसाल हैं। इसके अलावा, 25 बचपन केयर सेंटरों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को विशेष देखभाल और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें रोजगार तथा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है। इसके तहत राज्य सरकार ने विशेष शिक्षा संस्थानों और आश्रय गृहों के लिए महत्वपूर्ण बजट आवंटित किया है, जिससे इन संस्थानों में आधुनिक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।

योगी सरकार के इन प्रयासों से दिव्यांगजनों को न केवल बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि वे अपनी क्षमताओं के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल राज्य सरकार की समावेशी विकास नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर नागरिक को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है।

योगी सरकार की मंशा आने वाले वर्षों में दिव्यांगजनों के लिए और अधिक शिक्षा केंद्र, आश्रय गृह और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की है। योगी सरकार दिव्यांगजनों के लिए विशेष रूप से डिजिटल शिक्षा, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण और समग्र विकास के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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