
बीएनटी न्यूज़
लखनऊ। वक्फ संशोधन बिल 2025 के कानून बनने के बाद से देश में विपक्षी पार्टियां इस पर मुस्लिमों के हितों के साथ समझौते का हवाला देकर विरोध करती रही हैं। कई विपक्षी पार्टियां वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को रखने को लेकर भी सरकार पर हमलावर हैं। इस पर उत्तर प्रदेश विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विपक्षी पार्टियों पर वोट बैंक की राजनीति के लिए इसे गलत दिशा में ले जाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल के कानून बनने से किसी भी व्यक्ति का कहीं अहित नहीं होगा।
श्रीकांत शर्मा ने बीएनटी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वक्फ अधिनियम पर विपक्ष वोट बैंक की राजनीति के चलते इसे अनावश्यक रूप से गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है। मुसलमानों के हित की बात कभी किसी पार्टी ने नहीं की। भाजपा समग्र रूप से सभी के विकास की बात करती है। वक्फ संशोधन अधिनियम गरीब मुसलमानों के हित में है।
उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम से उन तमाम लोगों को दिक्कत है जो वक्फ बोर्ड की आड़ में गरीब मुसलमानों का शोषण करते थे। साथ ही उन लोगों को इससे सबसे ज्यादा दिक्कत हुई है जो वक्फ बोर्ड की आड़ में अपनी संपत्ति बढ़ाने का काम करते थे। वक्फ बोर्ड गरीब मुसलमानों की मदद के लिए है। जो पैसा आता है, वह इसलिए आता है कि वह गरीब मुसलमानों तक पहुंचे। वे लोग आर्थिक रूप से मजबूत बनें।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में जितनी अनियमितताएं थीं, उनमें सुधार करने के लिए इस बिल को पास किया गया है। इससे किसी भी व्यक्ति का कहीं अहित नहीं होगा। साथ ही मैं एक बात और बता दूं कि इस बिल में कहीं भी कोई घुसपैठ नहीं है। बहुत सी जगहों पर हिंदुओं की जमीनों पर भी कब्जे हैं। इसलिए इसमें हिंदुओं को भी रखा गया है।