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रायपुर। छत्तीसगढ़ 2897 सहायक शिक्षकों की सेवा बीते दिनों समाप्त होने के बाद से सहायक शिक्षक लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षक हाथों में विरोध की तख्तियां लेकर सरकार से समायोजन की अपील करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। गुरुवार को शिक्षकों ने राजधानी रायपुर में इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया।
शिक्षकों की सेवा समाप्ति के बाद अब शासन ने उनके समायोजन की संभावनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटाए गए शिक्षकों के समायोजन या अन्य संभावनाओं पर विचार कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौपेगी।
सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्ति के बाद, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्तमान सरकार को घेरते हुए तीखे आरोप लगाए। बघेल ने कहा, “प्रदेश के 2897 बच्चों को मिली हुई नौकरी विष्णु देव साय सरकार ने छीन ली। नए साल पर उन्होंने राज्य के बच्चों का भविष्य अंधकार में कर दिया। यह देश में पहली सरकार है, जिसने मिली हुई नौकरी बच्चों से छीनने का काम किया है। यह लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि यह भर्ती कांग्रेस के समय की है। हां हमने यह भर्ती शुरू की थी, कुछ लोग न्यायालय गए थे, तो हमने कहा था कि न्यायालय का जो आदेश होगा, उसे सभी मानेंगे। जब भाजपा की सरकार आई तो उन्होंने दो किस्तों में भर्ती की। दो किस्त मेरे शासनकाल में भर्ती हुई और दो किस्त सीएम साय के शासनकाल में भर्ती हुई।”
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि इनमें से 70 प्रतिशत शिक्षक आदिवासी समुदाय से हैं और मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग से आते हैं, लेकिन इस सरकार ने इन आदिवासी बच्चों के भविष्य को अंधकार में डाल दिया। वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और इस मामले को फिर से देखें।