
बीएनटी न्यूज़
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब वकीलों ने कलम बंद कर प्रदर्शन किया है। इस दौरान वकीलों ने संभल पुलिस हाय-हाय के नारे भी लगाए।
एडवोकेट शकील अहमद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एडवोकेट जफर अली हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। पुलिस ने उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है। अज्ञात में उनका चालान किया गया है। प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों का यह गलत कदम है। पूरे जिले के अधिवक्ता उनके साथ हैं।
पुलिस प्रशासन का जुल्म ऐसे ही बढ़ता गया तो प्रदर्शन की नौबत पूरी यूपी में आएगी। पूरी यूपी का अधिवक्ता हमारे साथ रहेगा। जुल्म की नौबत और बढ़ेगी तो पूरे ‘हिंदुस्तान का अधिवक्ता एकता जिंदाबाद’ हमारे साथ है। जफर अली एडवोकेट ने जो पुलिस प्रशासन के खिलाफ बयान दिया था, वह बयान आज आयोग (लखनऊ) में उन्हें देना था। रात उन्हें लखनऊ जाना था। पुलिस ने बड़ी होशियारी से उन्हें गिरफ्तार कर लिया, ताकि वह लखनऊ बयान न दे सकें।
अधिवक्ता अमित उठबाल ने बताया कि बार के अध्यक्ष ने हमें समर्थन के लिए एक पत्र दिया है। यह लड़ाई वकील परिवार की है, तो वकील परिवार एकजुटता के साथ पूरे देश में समर्थन के लिए खड़ा है। तत्काल एक बैठक बुलाई जाएगी। बैठक के बाद जो भी निर्णय होगा, 100 प्रतिशत पॉजिटिव ही आएगा। निर्णय से बार को अवगत कराके हम उनके साथ खड़े रहेंगे।
बता दें कि संभल के शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को विवादित स्थल पर पत्थरबाजी और फायरिंग के मामले में पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जफर अली को कोर्ट के सामने पेश किया।
इस मामले में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने रविवार को जानकारी दी थी कि जफर अली की गिरफ्तारी 24 नवंबर 2024 को हुई घटना से जुड़ी हुई है। इस दिन संभल में विवादित स्थल पर सर्वे कार्य चल रहा था, इस दौरान स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी और फायरिंग की थी। इस घटना के बाद थाना में अभियोग पंजीकृत किया गया था, जिसकी जांच की जा रही थी।
एसपी विश्नोई ने आगे बताया था कि जफर अली को शनिवार रात हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। रविवार को उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। जफर अली को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें क्रिमिनल कांस्पिरेसी (आपराधिक साजिश) भी शामिल है।