
बीएनटी न्यूज़
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गुरुवार को जनगणना के साथ जाति जनगणना करने की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लंबे समय से राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार से जाति जनगणना कराने की मांग कर रहे थे।
सीएम सिद्दारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार (30 अप्रैल) को केंद्र सरकार ने देश में आम जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना कराने की घोषणा की है। हम इसका स्वागत करते हैं। मैं राहुल गांधी को सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए बधाई देता हूं। पिछले दो साल से वह केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने की मांग कर रहे थे। इसे घोषणापत्र में भी शामिल किया गया था।
इस सवाल के जवाब में कि कर्नाटक सरकार इस पर कैसे विचार करेगी और प्रस्ताव क्या होगा, उन्होंने कहा कि हमने राज्य में पहले ही सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करा लिया है। मैंने अपने सभी मंत्रियों से अगली कैबिनेट बैठक तक लिखित में अपने सुझाव देने को कहा है।
सीएम ने कहा कि 2 मई को कर्नाटक सरकार की अगली कैबिनेट बैठक होनी थी। अब यह बैठक 9 मई को आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करेगी।
उन्होंने कहा कि अब बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं, इसलिए भी केंद्र सरकार ने ऐसा किया है। उन्होंने कहा, “जब हमने गारंटी शुरू की थी, तब क्या कहा था? अब क्या हुआ?”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना को मंजूरी दे दी गई। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है। साल 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई। जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जातिगत सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।a