
बीएनटी न्यूज़
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखकर राज्य में स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के स्ट्रीट वेंडर्स के मुद्दे पर चिंता जताने वाले पत्र का स्वागत किया और कर्नाटक सरकार की ओर से किए गए विभिन्न उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक स्ट्रीट वेंडर्स नियम तैयार करने वाले पहले राज्यों में से एक था, और इसकी प्रक्रिया 2013 से 2018 के बीच उनके मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी। इस दौरान राज्य में स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वेक्षण और टाउन वेंडिंग समितियों का गठन किया गया था, जो पहली बार 2017 और 2019 में हुआ था। हालांकि, 2022 में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार ने राज्य में सत्ता संभाली है, तब से स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के तहत नए सर्वेक्षणों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और बेंगलुरु शहर में अब तक 27,655 विक्रेताओं को पंजीकरण दिया जा चुका है। अप्रैल 2025 तक टाउन वेंडिंग समितियों के चुनाव पूरे हो जाएंगे। राज्य सरकार ने 189 वेंडिंग ज़ोन की पहचान की है, जिसमें 10,142 वेंडिंग स्पॉट भी निर्धारित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कर्नाटक राज्य ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य विक्रेताओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार विक्रेताओं की गतिशीलता में सुधार लाने के लिए उन्हें इलेक्ट्रिक वेंडिंग वाहनों से लैस करने की प्रक्रिया में भी है। वर्ष 2024-25 के दौरान, राज्य सरकार ने 3,778 लाभार्थियों की पहचान की है, जिन्हें विभिन्न प्रकार की वेंडिंग गाड़ियां प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पत्र के माध्यम से यह भी आश्वासन दिया कि कर्नाटक सरकार सड़क विक्रेताओं के समग्र कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राज्य सरकार उनका समग्र विकास सुनिश्चित करेगी। कर्नाटक सरकार के इन प्रयासों के तहत, राज्य में स्ट्रीट वेंडर्स की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।